भारत के इतिहास में कौन सा भाग सबसे विकृत ? What's Most Distorted In Bharat's Itihaas?

18 days ago
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आज के भारत का आधिकारिक इतिहास, विशेषकर पिछले दो हज़ार वर्षों का इतिहास और इतिहास के स्त्रोत, भारत के अपने लोगों ने नहीं लिखे हैं। उसे आक्रांताओं और विदेशियों द्वारा लिखे स्रोतों से लिखा गया है। इनमें सभी शामिल है :- वो जो घूमने आये, वो जो व्यापार के लिए आये, या फिर जो आक्रमण करने, लूटने को आये और या फिर, वो जो हमें गुलाम बनाने को आये।

भारत का उपलब्ध इतिहास, केवल विदेशी स्त्रोतों, विदेशी हाथों, विदेशी मस्तिष्कों और विदेशी मानसिकताओं द्वारा लिखा गया. तथाकथित स्वतंत्रता के बाद से आज तक भी कुछ नहीं बदला,
जितना भी इतिहास मुख्यधारा में पढ़ाया जाता है, Follow किया जाता है, वह या तो विदेशियों द्वारा लिखा गया था |
या फिर उनके द्वारा, जो भारत के नागरिक तो हो सकते हैं परन्तु उन्हें यह राष्ट्र अपना नहीं लगता। उनके द्वारा लिखे इतिहास से यह बात स्वयं प्रमाणित हो जाती है।

और इस सच्चाई को जांचने के लिए, न तो आपको कोई पुस्तक पढ़ने, न ही किसी और प्रकार की कोई खोज करने की आवश्यकता है। केवल देखने मात्र से आपको पता चल जायेगा। यदि आप भारत के इतिहास के, केवल वर्गीकरण को ध्यान से देखेंगे, तो आप को यह बात स्पष्ट हो जाएगी, कि इस क्षेत्र में तो कुछ ठीक नहीं है। भारत के इतिहास को तीन भागो में बांटा गया है। प्राचीन , मध्यकालीन और आधुनिक भारत का इतिहास। आपको प्राचीन और आधुनिक, स्वतः समझ में आ गया होगा, किन्तु मध्य कालीन ? यह किस काल का इतिहास है ? क्या आप जानते हैं कि कब से कब तक के इतिहास को, भारत का मध्य कालीन इतिहास कहा जाता है ? और उससे भी अधिक प्रासंगिक प्रश्न यह है, कि ऐसा क्यों कहा जाता है ?
अपने आप में यह अकेला कारण पर्याप्त है यह सोचने, और उस पर काम करने के लिए,
कि भारत के इतिहास को पुनः, भारतीय परिपेक्ष और भारतीय विचारधारा के अनुसार,लिखने की कितनी आवश्यकता है|

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