रमण महर्षि_ एक संक्षिप्त परिचय | सन्त वाणी #भक्ति #ज्ञान #वैराग्य #सनातनधर्म #सनातन_संस्कृति

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रमण महर्षि (1879-1950) 20वीं शताब्दी के एक महान भारतीय संत और आत्म-ज्ञान के मार्गदर्शक थे, जिनका जन्म दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य में हुआ था। 16 वर्ष की आयु में आत्म-साक्षात्कार के बाद उन्होंने तिरुवन्नामलाई के अरुणाचल पर्वत पर निवास किया और आत्म-विचार (Self-Inquiry) की विधि के माध्यम से आत्मज्ञान प्राप्त किया। उन्होंने अद्वैत वेदांत के सिद्धांतों का प्रचार किया और तिरुवन्नामलाई में रमणाश्रम की स्थापना की, जो आज भी अध्यात्म के जिज्ञासुओं और साधकों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। 14 अप्रैल 1950 को उनके निधन के बाद भी उनकी शिक्षाएँ और विचार अनगिनत लोगों के लिए मार्गदर्शन का स्रोत बने हुए हैं।

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