"बुराई से सुरक्षा का आग्रह" मत्ती 6:13 |#shortsvideo #shorts #youtubeshorts #youtube #yt #ytshorts

3 months ago
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"बुराई से सुरक्षा का आग्रह" मत्ती 6:13 |#shortsvideo #shorts #youtubeshorts #youtube #yt #ytshortsindia विवरण: मत्ती 6:13
आयत:

"और हमें परीक्षा में न डाल, परन्तु बुराई से बचा। क्योंकि राज्य और शक्ति और महिमा सदा तुझ ही के लिए है। आमीन।"

संदर्भ और महत्व
संदर्भ:

प्रार्थना का भाग: यह आयत ईसा मसीह द्वारा सिखाई गई प्रार्थना, जिसे 'प्रभु की प्रार्थना' या 'ईश्वर हमारा पिता' कहा जाता है, का हिस्सा है। इस प्रार्थना में, ईसा मसीह अपने अनुयायियों को एक आदर्श प्रार्थना का तरीका सिखाते हैं जिसमें उनके दैनिक जीवन की आवश्यकताओं और आध्यात्मिक सुरक्षा की याचना की जाती है।

परीक्षा और बुराई: यह आयत विशेष रूप से बुराई से बचने और परीक्षाओं में न पड़ने की प्रार्थना करती है। यह विश्वासियों की उन संकटों और प्रलोभनों से सुरक्षा की याचना है जो उनकी आस्था और चरित्र को चुनौती दे सकते हैं।

आध्यात्मिक महत्व:

रक्षा की याचना: इस आयत में, विश्वासियों को बुराई और परीक्षणों से बचने के लिए भगवान से सुरक्षा की याचना की जाती है। यह एक प्रार्थना है कि ईश्वर उनके जीवन को बुराई से बचाए और उन्हें सच्चे मार्ग पर बनाए रखे।

ईश्वर की महिमा: आयत के अंत में, ईश्वर की राज्य, शक्ति, और महिमा की घोषणा की जाती है, जो यह याद दिलाती है कि सब कुछ ईश्वर के हाथ में है और उनकी सत्ता पर विश्वास किया जाता है।

आमीन: यह शब्द प्रार्थना के समापन पर श्रद्धा और विश्वास के साथ पुष्टि करता है कि यह प्रार्थना ईश्वर के लिए मान्य है और उसके उत्तर की प्रतीक्षा की जाती है।

प्राकृतिक उपयोग:

प्रार्थना में सामिल: यह आयत प्रार्थना में शामिल कर, विश्वासियों को आध्यात्मिक सुरक्षा और आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए प्रोत्साहित करती है।

आध्यात्मिक सुरक्षा: यह प्रार्थना के माध्यम से व्यक्त की जाती है कि बुराई और कठिनाइयों से सुरक्षा पाना कितना महत्वपूर्ण है और यह भी कि कैसे ईश्वर की शक्ति और महिमा में विश्वास रखना चाहिए।

सांस्कृतिक संदर्भ
हिन्दू धर्म और अन्य भारतीय धार्मिक परंपराओं में भी बुराई से रक्षा की प्रार्थना और दिव्य सुरक्षा की आवश्यकता की मान्यता होती है। इसी प्रकार, ईसाई धर्म में भी इस आयत के माध्यम से विश्वासियों को आध्यात्मिक सुरक्षा की याचना की जाती है, जो व्यक्तिगत और सामूहिक प्रार्थनाओं का हिस्सा है।

संक्षेप में
मत्ती 6:13 ईसा मसीह की सिखाई गई प्रार्थना का एक महत्वपूर्ण भाग है, जिसमें बुराई और परीक्षणों से बचने के लिए ईश्वर से याचना की जाती है और ईश्वर की सत्ता की महिमा की पुष्टि की जाती है। यह आयत आध्यात्मिक सुरक्षा और विश्वास के महत्वपूर्ण पहलुओं को दर्शाती है।
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