"इसहाक द्वारा याकूब को आशीर्वाद" उत्पत्ति 27:28,29

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उत्पत्ति 27:28-29 (Genesis 27:28-29) में इसहाक अपने पुत्र याकूब को एक महत्वपूर्ण आशीर्वाद देते हैं। यह आशीर्वाद बाइबल के प्रमुख घटनाओं में से एक है और इसके ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को समझना आवश्यक है। आइए, इसे विस्तार से समझें:

पृष्ठभूमि:
याकूब और एस्त्रेल (इसव) इसहाक और रिबका के जुड़वा बेटे थे। बाइबल में उत्पत्ति (Genesis) पुस्तक के 27वें अध्याय में, यह बताया गया है कि इसहाक वृद्ध हो गए थे और उनकी दृष्टि क्षीण हो गई थी। इस अवस्था में, इसहाक अपने ज्येष्ठ पुत्र एस्त्रेल को अपना अंतिम आशीर्वाद देना चाहते थे। लेकिन, उनकी पत्नी रिबका, जो याकूब को अधिक प्यार करती थीं, ने याकूब को इस आशीर्वाद को पाने के लिए प्रेरित किया।

रिबका की योजना के अनुसार, याकूब ने एस्त्रेल की पहचान में अपने पिता इसहाक को धोखा दिया और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।

आयतों का विवरण:
उत्पत्ति 27:28

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"इस कारण, परमेश्वर तुझे आकाश की ओस और धरती की उत्तम उपज, बहुत सा अन्न और दाखरस प्रदान करे।"
उत्पत्ति 27:29

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"जातियाँ तेरे अधीन हों, और लोग तुझे प्रणाम करें। अपने भाइयों का अधिपति बन, और तेरी माता के पुत्र तुझे प्रणाम करें। जो तुझे शाप दें, वे शापित हों, और जो तुझे आशीर्वाद दें, वे आशीर्वादित हों।"
आयतों का विश्लेषण:
आशीर्वाद का महत्वपूर्ण तत्व:

आकाश की ओस और धरती की उपज: आशीर्वाद का यह हिस्सा प्रचुरता और समृद्धि का प्रतीक है। इसमें उन प्राकृतिक संसाधनों की बात की गई है जो जीवन के लिए आवश्यक हैं।
बहुत सा अन्न और दाखरस: ये तत्व कृषि की सफलता और समृद्धि को दर्शाते हैं। दाखरस (वाइन) प्राचीन समय में संपन्नता का प्रतीक था।
सामाजिक और राजनीतिक आशीर्वाद:

जातियाँ तेरे अधीन हों: यह याकूब को वैश्विक प्रभाव और शक्ति प्रदान करने का संकेत है।
लोग तुझे प्रणाम करें: याकूब की सत्ता और सम्मान को दर्शाता है, यह आशीर्वाद उसे सामाजिक मान्यता देता है।
परिवार के भीतर आशीर्वाद:

अपने भाइयों का अधिपति बन: यह याकूब को परिवार के भीतर प्रधानता देता है। यह आशीर्वाद याकूब के अपने भाई एस्त्रेल पर भी उसका वर्चस्व स्थापित करता है।
तेरी माता के पुत्र तुझे प्रणाम करें: यह उनके परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा सम्मान और अधीनता का प्रतीक है।
शाप और आशीर्वाद:

जो तुझे शाप दें, वे शापित हों: यह याकूब को किसी भी शत्रु से सुरक्षा प्रदान करता है।
जो तुझे आशीर्वाद दें, वे आशीर्वादित हों: यह उन सभी को आशीर्वादित करता है जो याकूब को आशीर्वाद देते हैं, यानि याकूब की सफलता और भलाई में भाग लेते हैं।
आशीर्वाद का महत्व:
इन आयतों में दिए गए आशीर्वाद ने याकूब के जीवन और उसके वंश पर गहरा प्रभाव डाला। यह आशीर्वाद न केवल व्यक्तिगत लाभ का प्रतीक है, बल्कि यह भविष्य में इस्राएल (जो याकूब का दूसरा नाम था) के रूप में एक राष्ट्र की स्थापना का भी पूर्वाभास कराता है। यह आशीर्वाद याकूब के उत्तराधिकारियों और उनके वंश के लिए स्थायी प्रभाव रखता है, जो आगे चलकर बाइबल के विभिन्न हिस्सों में प्रकट होता है।

इस प्रकार, उत्पत्ति 27:28-29 में दिया गया आशीर्वाद न केवल धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पारिवारिक, सामाजिक और राजनीतिक प्रभावों का भी प्रतीक है।

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