"इसहाक की यात्रा और परमेश्वर की प्रतिज्ञा" उत्पत्ति 26

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उत्पत्ति 26 अध्याय इसहाक की यात्रा, उसके संघर्ष, और परमेश्वर की प्रतिज्ञा के बारे में है। यह अध्याय मुख्य रूप से निम्नलिखित घटनाओं पर केंद्रित है:

गेरार की यात्रा और अबीमेलेक के साथ बातचीत: अकाल के कारण इसहाक गेरार शहर की ओर जाता है, जहाँ फिलिस्तीनियों के राजा अबीमेलेक का शासन है। परमेश्वर इसहाक को मिस्र न जाने और गेरार में ठहरने का निर्देश देते हैं।

रेबेका को बहन बताना: अपने पिता अब्राहम की तरह, इसहाक भी डर के कारण अपनी पत्नी रेबेका को अपनी बहन बताता है। यह झूठ तब उजागर होता है जब अबीमेलेक उन्हें एक साथ देखता है और समझ जाता है कि रेबेका इसहाक की पत्नी है।

इसहाक की समृद्धि और ईर्ष्या: इसहाक गेरार में खेती करके बहुत समृद्ध हो जाता है। उसकी समृद्धि देखकर फिलिस्तीनी ईर्ष्या करने लगते हैं और उसके कुओं को मिट्टी से भर देते हैं।

कुओं के विवाद: इसहाक नए कुओं की खुदाई करता है, लेकिन फिलिस्तीनी चरवाहों से विवाद होते हैं। अंततः, वे एक ऐसा कूआं खोदते हैं जिस पर कोई विवाद नहीं होता और उसे "रेहोबोत" नाम देते हैं, जिसका अर्थ है "स्थान की विस्तृति"।

बीर-शेबा में परमेश्वर की प्रतिज्ञा: इसहाक बीर-शेबा की ओर जाता है जहाँ परमेश्वर उसे प्रकट होकर आशीर्वाद देते हैं और प्रतिज्ञा करते हैं कि वे उसकी संतानों को बढ़ाएँगे।

इसहाक और अबीमेलेक का समझौता: अबीमेलेक इसहाक के पास आता है और उनसे एक संधि करने का प्रस्ताव रखता है। वे दोनों मिलकर एक संधि करते हैं कि वे एक-दूसरे के साथ शांति बनाए रखेंगे।

इस प्रकार, उत्पत्ति 26 अध्याय इसहाक की यात्रा, संघर्षों, और परमेश्वर के साथ उसके संबंध की कहानी है, जिसमें उसकी समृद्धि और उसके साथ किए गए परमेश्वर की प्रतिज्ञा को भी दिखाया गया है।

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