यह लोकतंत्र नहीं, धर्मतंत्र है | This Is Not Democracy, This Is Theocracy

11 months ago
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Democracy has been replaced by theocracy. The picture of India's democracy is becoming blurred in front of this theocracy, in fact the theocracy has become so dominant that without it you cannot even see democracy in today's India. The meaning of Dharma Tantra has become such that parties are turning into organizations that organize religious events. Earlier they used to maintain distance from religion but now parties have started maintaining distance from politics. Under the pressure of capital, politics within political parties ended and now in the name of religion, political parties are getting eliminated from the field of democracy itself. If religious character dominates democratic character then it will turn democracy into a drama. One day even religion will start looking like a gimmick. Write this statement of mine down and keep it in your purse.
लोकतंत्र की जगह धर्मतंत्र ने ली है। इस धर्मतंत्र के सामने भारत के लोकतंत्र की तस्वीर धुंधली होती जा रही है बल्कि धर्मतंत्र इतना हावी हो चुका है कि इसके बग़ैर आज के भारत में आप लोकतंत्र देख भी नहीं सकते हैं। धर्म तंत्र का मतलब ही ऐसा हो गया है कि पार्टियां धार्मिक आयोजन कराने वाली संस्था में बदलती जा रही हैं। पहले धर्म से दूरी बनाकर रखती थीं मगर अब पार्टियां राजनीति से ही दूरी बनाने लगी हैं। पूंजी के दबाव में राजनीतिक दलों के भीतर राजनीति खत्म हुई और अब धर्म का नाम लेकर लोकतंत्र के मैदान से ही राजनीतिक दल खत्म हो रहे हैं। अगर लोकतांत्रिक चरित्र पर धार्मिक चरित्र हावी हुआ तो वह लोकतंत्र को नौटंकी में बदल देगा। एक दिन धर्म भी नौटंकी की तरह नज़र आने लगेगा।मेरी इस बात को लिख कर पर्स में रख लीजिए
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