कांटों को भी शरण में लेकर पीड़ा सही ऐसे है सबके राम

1 year ago
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पता है राम जी जब वनवास गए थे। तो उनके नंगे पांव में ना रोज़ाना कांटे लगते थे, और वो कांटे उनके पांव में धंस जाते थे। यह देखकर सीता माता और लक्ष्मण जी को बड़ा दुख होता था। तो वह राम जी से एक दिन विनती करते हैं, कि आपके पांव में जो कांटे धस जाते हैं, आप इनको निकाल क्यों नहीं लेते। इनसे आपको बड़ी पीड़ा होती होगी। सीता माता को राम जी ने कहा कि मेरी शरण में जो एक बार आ जाता है, मैं उसको कभी भी अपने से दुर नहीं कर सकता, चाहे उसके लिए मुझे कितनी भी पीड़ा सहनी पड़े। ऐसे हैं करुणामयी हम सबके राम।

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