Premium Only Content

Ramayani Sadhna Satsang Bhag 28
परम पूज्य डॉक्टर श्री विश्वामित्र जी महाराज जी के मुखारविंद से
((1152))
*रामायणी साधना सत्संग*
*किष्किन्धाकाण्ड भाग-२८ (28)*
*खरदूषण का वर्णन एवं अंगद का रावण को उपदेश*
प्रसंग आता है भक्तजनों आखिर यह खर, दूषण, मन की बात करते हैं;
खर, दूषण, त्रिशरा क्या है यह ? मन की बात है यह । मन है तो यह मन की तीन वृत्तियां हैं । खर वृत्ति, दूषण वृत्ति एवं त्रिशरा वृत्ति । यह तीन मन की वृत्तियां है । आइए देखें यह तीन वृत्तियां क्या है ?
प्रसंग इस प्रकार का आता है;
अंगद जी महाराज वाल्मीकि रामायण में ऐसा वर्णन नहीं है, पर रामचरितमानस में आता है । अंगद जी दोनों रामायणों में जाते है वहां पर, लेकिन अपना पांव रोकने का प्रसंग वाल्मिकी रामायण में नहीं है, रामचरितमानस में है । आपको याद होगा ना, अंगद जी वहां जाते हैं, और जा कर अपना पांव रोक देते हैं । कोई है माई का लाल जो मेरे पांव को उठा कर दिखाए, इत्यादि इत्यादि ।
इसमें नहीं है उस वक्त की बात है । अपनी महिमा बखान करता है रावण । तू जानता नहीं मैं कौन हूं ? मैं वह हूं जिसने कैलाश पर्वत को उठा कर रख दिया और कैलाश पर्वत वह जिस पर भगवान शंकर विद्यमान है । मैंने वह पर्वत उठा कर रख दिया । तू क्या बात करता है, कोई है माई का लाल जो मेरे पांव को उठा जाए ? अरे ! मैंने जब वह पर्वत उठा कर रख दिया, और वह पर्वत भगवान शिव समेत, खाली नहीं, शिवजी महाराज उसके ऊपर बैठे हुए हैं, उसको मैंने उठा कर रख दिया और तू कहता है मेरे पांव को कोई नहीं उठा सकता ।
आगे अपनी महिमा का और बखान करते हुए;
तू जानता है और भगवान शिव को कोई फूल अर्पित करते हैं, कोई फल अर्पित करते हैं, और मैंने भगवान शिव को यह अपना सिर अर्पित किया । एक नहीं, अनेक सिर अर्पण किए । कोई है इतिहास में ऐसा उदाहरण जिसने आज तक या कभी आगे ऐसा किया हो ? अंगद सारी बातचीत सुन कर तो रावण को कहता है, तू गधा है । यह खर वृत्ति की बात चल रही है तू खर है । क्यों ? जैसे गधे को बिल्कुल पता नहीं चलता कि उसकी पीठ पर चंदन लादा हुआ है या गोबर ।
काश ! तूने अपने ज्ञान का सदुपयोग किया हुआ होता तो तेरे अंदर यह खर की वृत्ति ना होती । इसलिए कहते हैं तू गधा है, खर है तू। जिस प्रकार गधे को यह बोध नहीं होता कि उसकी पीठ पर चंदन लादा हुआ है या गोबर, ठीक इस प्रकार से रावण तुम्हें भी यह बोध नहीं है कि तूने क्या कर डाला है । जिस चीज को तू अपनी महानता वर्णन कर रहा है, वह महानता नहीं है ।
सुन मेरे से, तू जानता है, और सारा संसार जानता है ।
भगवान शंकर तेरे गुरु है ।
अरे ! जिस सिर पर गुरु बैठे हुए हो, जिस पर्वत पर गुरु महाराज बैठे हुए हो, ऊपर बैठे हुए हो, मानो जिन की कृपा से उस पर्वत को उठा सका, उन्होंने ही तो हल्का-फुल्का कर दिया, अपने आप को ज्ञानी कहता है, महान कहता है ।
मूर्ख, गुरु का अर्थ देख ।
गुरु का अर्थ है जो हमारे अंधकार को दूर करता है वह गुरु । और इससे भी एक और भद्रशाली अर्थ है गुरु का ।
गुरु बहुत भारी होता है, तूने उठाकर उसे हल्का कर दिया । जिस दिन मुझे यह पता लगा कि तूने ऐसा कर दिया है, उसी दिन मैंने सोच लिया कि रावण जैसा व्यक्ति भी इस पांव को उठाने का अब समर्थ नहीं रखता। जिसने अपने गुरु को हल्का कर दिया उसके ऊपर से, उसके सिर के ऊपर से, गुरु की कृपा उठ गई है । वह कुछ काम की बात नहीं कर सकेगा । इसलिए मैं कहता हूं तू खर है । दूसरी बात तू कहता है ना कि तूने भगवान शिव को अपने सिर अर्पण कर दिए, क्या उन्होंने स्वीकार किए ? देखो अंगद का ज्ञान ।
जब आप भगवान को कोई चीज समर्पित करते हो, अर्पित करते हो, तो वह उन्हें स्वीकार कर लेते हैं ।
अरे मूर्ख ! तेरे दिए हुए सिर मैंने एक-एक करके मैंने वापस कर दिए । मुझे नहीं चाहिए। जैसे तू उन्हें देता था, वह तुम्हें लौटा देते थे । अरे काश ! उन्होंने सिर स्वीकार कर लिया होता, या तेरे इस सिर को बदल दिया होता, भगवान तो सिर बदलने में बड़े expert हैं;
दक्ष का सिर काटा तो बकरे का लगा दिया, गणेश का सिर काटा तो हाथी का लगा दिया;
काश तेरे ऊपर भी ऐसी कृपा उन्होंने की होती, तो यह आज जो अनर्थ हुआ, वह ना होता । तेरी विचारधारा यदि बदल दी होती उन्होंने, कोई दूसरा सिर तेरे सिर ऊपर लगा दिया होता, तो यह अनर्थ जो तूने किया है, वह शायद ना होता ।
अरे ! तू कहता है मैंने आहुति दी ।
आहुति तो दी जाती है जब सिर के बाल मुंडवा कर रखे जाते हैं, या सिर रखा जाता है भगवान के चरणों में । तो इसका अर्थ होता है जो इस बुद्धि में यह अहंकार भरा हुआ है, इसको व्यक्ति समर्पित कर देता है। लेकिन तेरा अहंकार तो उससे अनंत गुना और बढ़ गया हुआ । काश ! तेरे सिर को स्वीकार कर लिया होता, या तेरे सिर को बदल दिया होता, तो तू इतना अनर्थकारी ना रहता, इतना गंदा ना रहता, जिस प्रकार तू अब है ।
-
1:10:57
TheRyanMcMillanShow
1 day ago $1.25 earnedRaul Mendez: Stopped A Mass Shooting After Being Shot in the Head - RMS 018
9.89K1 -
58:31
State of the Second Podcast
16 hours agoHollywood's Closet Gun Owners, LEGAL Exploding Targets, & It's NOT Alec Baldwin's FAULT?!
11.8K -
1:00:08
Trumpet Daily
21 hours ago $4.63 earnedTrump vs. Karl-Theodor zu Guttenberg - Trumpet Daily | Feb. 18, 2025
19K7 -
55:35
Kat Espinda
6 days agoEP. 151 - [your]NEWS & CrossCheck USA - Synergistically UNITED!
15K1 -
3:08
UnboxRemedy
3 days ago $0.30 earnedUNBOXING: CryBaby Crying Again Series (Ep.2)
11.5K1 -
7:04
Brownells, Inc.
17 hours agoReloading Series: Converting Brass, Featuring 25 GPC
10.3K2 -
3:15:35
Joke65
12 hours ago[LIVE] Bully | GTA: Vice City | First Playthrough | 8 | Rampage and The Spirit of The Season
56K -
3:27:04
Laura Loomer
14 hours agoEP103: Dems Promote Violent Anti-Trump Protests Nationwide
74.6K33 -
6:50:08
Fairy Mysterious Adventures
11 hours agoStardew with the Rumble crew #16
59.7K2 -
1:28:42
Kim Iversen
16 hours agoThe War on Terror Was a Scam? Is Osama Bin Laden Really Dead? SEAL Who Killed Him Breaks It Down.
94.8K169