शत्रु की तो ऐसी की तैसी

1 year ago
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मुझे लगता नहीं कि ये यंत्र सभी सिद्ध कर पायेंगे क्योंकि इसमें श्मशान ही नग्न होकर जाना है. किन्तु यदि आपके पास इतनी हिम्मत और सुविधा है तो जान लीजिए कि जिस शत्रु से आप बचने के उपाय सोच रहे होंगे वो आपके आदेश का दास हो जाएगा.
विधि इस प्रकार है.-
एक चतुर्दशी (कृष्ण पक्ष की हो तो उत्तम है) नग्न होकर प्रेत्भूमि में जाएँ और वहाँ एक शव की खोपड़ी पर धतूरे के रस से कोयला घिस कर इस यंत्र को लिखें. उसके बाद एक सरावा संपुट(मिटटी का पात्र) में यंत्र को रख कर बलि, मांस, खून चढ़ा कर पूजा करें. अब यंत्र को भूमि में दबा दें और रात दिन उस स्थान पर प्रज्वलित अग्नि का प्रबंध करें.
शत्रु को तीसरे दिन भयानक बुखार आता है और फिर वह आपके वश में हो जाता है.

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