Premium Only Content

Sadhna Satsang Bhag 23
परम पूज्य डॉक्टर श्री विश्वामित्र जी महाराज जी के मुखारविंद से
((1147))
*रामायणी साधना सत्संग*
*अयोध्या कांड भाग २३(23)*
*श्री भरत जी का श्री भारद्वाज मुनि से मिलन*
भरत जी महाराज ने इस मार्ग को बनाया है, शरणागति का मार्ग अपनाया है, समर्पण का मार्ग अपनाया है ।
एक विधवा कहे कि मैं अब ब्रह्मचारिणी बन गई हूं, तो यह ब्रह्मचारिणी का व्रत नहीं है । विधवा हो गई है उसके पास भोग सामग्री रही नहीं है । साधन होते हुए भी यदि कोई नि:साधन हो जाता है, गृहस्थ होते हुए भी यदि कोई ब्रह्मचर्य का पालन करता है, तो तो बहादुरी है । ऐसा नहीं है भरत जी महाराज के पास साधन नहीं है, सब साधन है ।
लेकिन उनकी मान्यता है मेरे पास साधन नहीं है । ना मेरे पास शिक्षा है, ना मेरे पास दीक्षा है, ना मेरे पास भक्ति है, ना मेरे पास स्नेह है, ना मेरे पास प्रेम है, मेरे पास कुछ नहीं है ।
मैं घोड़े पर नहीं बैठूंगा, मैं रथ पर नहीं बैठूंगा, मैं हाथी पर नहीं बैठूंगा, मेरे पास कोई साधन नहीं है, मेरे पास कोई पूंजी नहीं है, मेरे पास कोई धन नहीं है, मेरे पास कोई गुण नहीं है, मैं दुर्गुणों की खान हूं ।
मेरे कारण ही तो सारा अनर्थ हुआ है ।
सारे पाप का भार भरत जी महाराज अपने सिर के ऊपर ले रहे हैं । मैं कैकई को भी दोषी नहीं ठहराता । भले ही मैंने उनको गाली निकाली है, कैकई ने आखिर किया है सब कुछ, तो मेरे लिए ही तो किया है ।
मैं ही हूं इस अनर्थ का कारण । सब कुछ अपने सिर के ऊपर भरत जी महाराज ले रहे हैं ।
मैं जाऊं तो किस मुंह से जाऊं । बस एक ही आसरा है, इसे राम कृपा कहा जाता है ।
जब व्यक्ति सारे साधनों को छोड़कर एक राम कृपा पर निर्भर रहे, एक राम भरोसे रहना शुरू कर दे, मेरी साधना यही है कि मैं राम भरोसे रहूं, मैं राम आसरे रहूं, तो इसे शरणागति कहते हैं, इसे समर्पण कहते हैं, इसे surrender कहते हैं । एक राम भरोसे, राम कृपा ।
राम कृपा ऐसे ही व्यक्ति में अवतरित होती
है । प्रेम का प्रतीक है, यह भक्ति की पराकाष्ठा है शरणागति, समर्पण । जब व्यक्ति इस पराकाष्ठा को पहुंच जाता है, तो परमेश्वर अति दयालु, अति कृपालु उसके प्रेम को देखकर तो अपनी कृपा को उस पर उड़ेल देते हैं । यह परम प्रेम बन जाता है, यह परा भक्ति बन जाती है ।
परा भक्ति इसे ही कहते हैं । जब साधक का प्रेम और परमेश्वर की कृपा का सम्मिश्रण हो जाता है, तो उसे परा भक्ति कहा जाता है । परमेश्वर की कृपा तो सब पर है, लेकिन अवतरित उसी पर होती है जिसके हृदय में परमात्मा के प्रति प्रेम उमड़ता है । दूसरे हृदय में यह अवतरित नहीं होती, भले ही वह सब का है, पर कृपा उसी पर होती है ।
भरत जी महाराज चल पड़े हैं । आखिर भक्तजनों यह राम राज्य में यह जो व्यवधान आया है, आया क्यों है, यह बाधा जो आई है, आई क्यों है ?
संत महात्मा कहते हैं भरत है प्रेम का सागर और परमात्मा श्री राम है कृपा के सागर । भक्त और भगवान की होड़ लगी हुई है आपस में । भक्त चाहते हैं कि मुझे कोई ना जाने, सब कुछ भगवान हैं ।
और भगवान कहते हैं बेशक मुझे कोई भूल जाए, लेकिन मेरे भक्त को कोई ना भूले । दोनों में होड़ लगी हुई है ।
भरत जी महाराज चौदह वर्ष के लिए ननिहाल चले गए हैं ताकि, आप याद करो संभवत: इन दोनों रामायणओं में नहीं; अध्यात्म रामायण में कैकई का विवाह राजा दशरथ के साथ इसी शर्त पर हुआ था जो मेरी कोख से, जो कैकई की कोख से जन्म लेगा, वहीं राज्य का अधिकारी होगा । भरत जी महाराज इस बात को बहुत अच्छी तरह से जानते हैं । चौदह वर्ष के लिए ननिहाल चले गए । यह बाद में सब कुछ हो जाएगा, मुझे लोग भूल जाएंगे, और हुआ भी ऐसे ।
कैकई भी तैयार है । कैकई भी जानती है यह व्रत जो हुआ हुआ है, प्रण इस प्रकार का हुआ हुआ है, यह agreement जो हुआ हुआ है इस प्रकार का, लेकिन वह राम प्रेम में इतनी प्रभावित हो गई हुई है, इस प्रकार की हो गई हुई है, इतनी बह गई हुई है, की वह भी इस बात को भूल गई हुई है कि भरत ने राजा बनना है ।
भरत जी महाराज चौदह वर्ष के लिए वहां चले गए । राम जी महाराज चौदह वर्ष के लिए इधर आ गए हैं । तू चाहता था कि मेरी महानता प्रकट हो और चौदह वर्ष मैं ननिहाल रहा । तुझे सफलता मिली है ।
मैं चाहता हूं की तेरा प्रेम प्रकट हो, इसलिए मैं चौदह साल के लिए वनवास जा रहा हूं ।
प्रेम का सागर एवं कृपा का सागर चित्रकूट में मिलने जा रहे हैं । दोनों वहां मिलेंगे जाकर। चित्रकूट पहुंचते ही, इससे पहले भारद्वाज ऋषि का आश्रम आता है । निषाद से होते हुए भारद्वाज ऋषि के आश्रम में जाते हैं । भरत जी महाराज महर्षि भारद्वाज के चरणों पर अपना सीस नवां देते हैं, और रखे रखते हैं । शर्मिंदगी है बड़ी भारी । बड़ा भारत को संकोच है, अपना सिर उठाते नहीं । भारद्वाज मुझे अवश्य पूछेंगे,
क्या तू ही वह भरत है जिसके कारण यह सारा अनर्थ हुआ है, क्या तू ही उस कुमाता कैकई का पुत्र है ? संकोच वश अपना फिर जो है अपना मस्तक, उनके श्री चरणों से उठा नहीं रहे ।
अरे ! मैं जानता हूं । मैंने सब कुछ सुन लिया है, और संकोच में डूब जाते हैं । मानो मुझसे बिना पूछे ही इन्हें पता लग गया हुआ है, कि वह मैं हूं जिसके कारण यह अनर्थ हुआ है। अपना मस्तक और निवाए रखते हैं, उठाते नहीं है ।
अरे भरत ! तू अपराधी नहीं । मस्तक उठाया है, अपराधिनी तो कैकई है । अरे वास्तव में तत्व दृष्टि से देख तू तो बड़ा ज्ञानी है, ध्यानी है, समझदार है । धर्म के सार मर्म को तू समझता है । वास्तव में दोष कैकई का भी नहीं है ।
क्यों महाराज ?
महर्षि भारद्वाज कहते हैं दोष तो उस सरस्वती माता का है, जो कैकई की जुबान पर बैठ गई और जिसने यह सब कुछ करवाया । भरत जी महाराज बड़े चकित हैं। महर्षि सरस्वती माता का नाम लेते बुद्धि विमल हो जाती है, और आप कहते हैं माता सरस्वती के कारण कैकई की बुद्धि जो है वह भ्रष्ट हो गई ।
आगे जाकर जब भरत जी महाराज चलते हैं, उनको ले जाने के लिए देवता लोग एक बार फिर मां सरस्वती के पास जाते हैं और जाकर हाथ जोड़कर विनती करते हैं -
माते जैसा काम पहले किया था वैसा ही आपको अब भी करने की आवश्यकता है । कहीं मां यह भरत राम को लाने में सफल हो गया, तो हमारे सब किए कराए पर पानी फिर जाएगा । मां सरस्वती के पास देवता लोग फिर गए हैं । एक बार और जाकर फिर यह प्रार्थना करी है । जिस प्रकार से यह आप ने अभी तक किया है, मेहरबानी करके अभी एक और कारनामा करो, की किसी भी ढंग से भरत को सफलता नहीं मिलनी चाहिए, कि वह राम को वापस ले आए ।
जानते हो देवियो सज्जनो मां सरस्वती ने क्या कहा है ? वह कहती है कि आप सोचते हो मैंने आपकी बात सुनकर तो कैकई की जुबान पर विराजमान हो गई थी;
आप के कहने पर, आप के कहने पर मैं जाकर वहां बैठ गई थी ?
नहीं ।
अरे कठपुतली जो है वह नाचती है, तो वह दर्शकों के इशारों पर नहीं नाचती, उनके कहने के अनुसार नहीं नाचती । वह नाचती है जिसके हाथ में उसकी डोरी है । मेरी डोरी किसके हाथ में है ?
“तब कुछ कीन राम रुख जानी”
जब मैंने राम के रुख को देखा, जब मुझे राम ने, जो मेरे कर्मधार हैं, मेरे सूत्रधार हैं, जिस वक्त उन्होंने मुझे इशारा दिया, उनका रुख मैंने पहचान कर, तब मैंने कैकई की जुबान पर अपने आप को निवासित किया । अब भी मैं आपके कहने के अनुसार नहीं करूंगी। अब भी मुझे मेरे मालिक जब इशारा करेंगे, तो ही मैं करूंगी ।
-
LIVE
Russell Brand
36 minutes agoThey LIED About 9/11—Now the Truth Is Leaking Out – SF572
23,699 watching -
LIVE
Sean Unpaved
1 hour agoNFL Draft Deep Dive: First-Round Movers & Stars to Watch
934 watching -
LIVE
Ben Shapiro
1 hour agoEp. 2185 - My Journey To Ukraine and My Interview With Zelensky
1,376 watching -
LIVE
The Dilley Show
1 hour agoTrump Oval Office, 100 Days Rally and More! w/Author Brenden Dilley 04/24/2025
2,703 watching -
1:01:59
Timcast
1 hour agoKyiv ATTACKED, Trump Tells Putin “STOP,” Slams Zelenskyy For REFUSING Peace Ft Sebastian Gorka
36.6K45 -
2:10:03
Steven Crowder
4 hours ago🔴 Trump Lays Down the Law on Ukraine & Russia: Take the Deal or We Walk
200K99 -
LIVE
Nerdrotic
3 hours agoNerdrotic Nooner 481
868 watching -
LIVE
The Tom Renz Show
38 minutes agoDeep State, MAHA and MAGA
153 watching -
LIVE
TheAlecLaceShow
2 hours agoGuests: Frank Pavone & Clay Clark | 5K For New Moms | Trade Job Initiative | The Alec Lace Show
70 watching -
LIVE
The Charlie Kirk Show
1 hour ago"Disparate Impact" Must Die + "Maryland Dad" Human Smuggling | Hassett, Hilton, Dr. Slack | 4.24.25
4,293 watching