🫡 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें🫡

1 year ago
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🧘‍♀️19 साल का जगदीश्वरन अपने पिता सेलवा सेकर के साथ रहता था, 12वीं की परिक्षा में उसके 85 प्रतिशत नबंर आए थे, सपना था डॉक्टर बनना. इसलिए उसने नीट की कोचिंग लेनी शुरू कर दी, लेकिन दो कोशिशों के बाद भी वो सफ़ल नहीं हुआ. इससे हताश होकर जगदीश्वरन ने आत्महत्या कर ली, उसके पिता सेलवा सेकर इस सदमें को झेल नहीं पाए और अगले ही दिन उन्होंने भी अपनी जान ले ली. ये पूरा वाक्या तमिलनाडु का है और ये दोनों घटनाएं 12 और 13 अगस्त को घटी हैं. खुदकुशी से पहले सेल्वासेकर ने अपनी बेटे के मौत के लिए NEET को ज़िम्मेदार बताया. इस मामले ने राज्य में राजनीतिक उथल-पुथल शुरू कर दी है. मुख्यमंत्री एम के स्टालिन राज्य में नीट के बंद करने के लिए एंटी-नीट बिल लाना चाहते हैं, लेकिन राज्य के राज्यपाल आर.एन. रवि का कहना है कि इससे डॉक्टर्स की क्वालिटी पर असर पड़ेगा. फ़िलाहल तमिलनाडु में इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच लगातार बयानबाज़ी और रस्साकशी क्यों चल रहा है, बाकी राज्यों के बच्चें भी इस परिक्षा में बैठते हैं, फिर क्या वजह है कि तमिलनाडु में इसको लेकर बवाल है? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.

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