उदारता की पटरियाँ (लघु उपन्यास) by Raja Sharma

1 year ago
9

उदारता की पटरियाँ (लघु उपन्यास)

राजा शर्मा

जीवन की यात्रा, चाहे कितनी भी लंबी क्यों न हो, हमेशा एक सौहार्दपूर्ण, शांतिपूर्ण यात्रा नहीं हो सकती। कभी-कभी, किसी अजनबी के साथ एक संक्षिप्त मुलाकात भी एक अमिट छाप छोड़ सकती है, जो आपके जीवन की दिशा बदल सकती है और पूरी यात्रा को अविस्मरणीय बना सकती है।

जीवन की रेलगाड़ी एक रहस्यमय सवारी है, जहां प्रत्येक स्टेशन और प्रत्येक सह-यात्री हमारे अस्तित्व की जटिल तस्वीर में योगदान देता है, जिससे हर पल एक रोमांच और हर बिछड़ना एक सबक बन जाता है।

आप भी सोच रहे होंगे के ये मैं क्या जीवन गाथा ले बैठा हूँ! यकीन मानिये जो कुछ भी अभी तक आपने पढ़ा है वो आगे आने वाले शब्दों के साथ सार्थक होता जायेगा और आप मुख्य कहानी में खोने के बाद भी ऊपर कहे गए शब्दों के बारे में बार बार सोचेंगे और खुद को मुख्य पात्र की जगह रखकर कई बातें सोचने लगेंगे।

हमारी कहानी का मुख्य पात्र, सुशांत, ही इस कहानी को अकेले संभाले रखता है और शुरू से अंत तक हम उसकी उस समय की दुनिया को उसकी आँखों से देखते हैं और उसके विचारों से समझते हैं। तो आईये आपको सुशांत की तरफ ले चलते हैं:

Loading comments...