दमा

1 year ago
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MEDICAL ANIMATION TRANSCRIPT: अस्थमा यानी की दमा या श्वास रोग एक फेफड़े की बीमारी है जिससे आपके एयरवेज़ यानी की वायुमार्ग में सूजन आती है, जलन होती है और वे संकीर्ण हो जाते हैं। आमतौर पर जब आप सांस लेते हैं तो हवा आपके ट्रेकिया यानी की विंडपाइप यानी की श्वास नली से गुजरती हैं। फिर बड़ी ट्यूबों जिन्हें ब्रोंकाई कहा जाता है, उनमें से गुजरती हैं। फिर छोटी ट्यूबों जिन्हें ब्रोंकियल्स कहा जाता है उनमें से गुजरती हैं। और अंत में छोटी थैलियों जिन्हें एल्वेओलाई कहा जाता है उनमें जाती है। छोटी रक्तवाहिकाएं, जिन्हें कैपिलरीज़ यानी की केशिकाएं कहा जाता है वे एल्वेओलाई के आसपास घिरी हुई होती है। आप सांस में जो हवा अंदर लेते है, उसमें सिर्फ ऑक्सीजन इन केशिकाओं में जाता है। उसके बाद, आपके शरीर में से एक कार्बन डाइऑक्साइड केशिकाओं में से बाहर निकलकर एल्वेओलाई में जाता है। ताकि आप जब सांस बाहर निकालते हैं तो आपके फेफड़े कार्बन डाइऑक्साइड से छुटकारा पा सकें। जब हवा गर्म नम होती है और उसमें इर्रिटेन्ट्स यानी की उत्तेजक पदार्थ या एलर्जी करने वाले पदार्थ जिन्हें एलर्जेंस कहा जाता है वे ना हो तब आपके ब्रोंकियल्स विस्तारित होता है। जब हवा ठंडी होती है या सूखी होती है और उसमें इर्रिटेन्ट्स या एलर्जेंस हों तब आपके ब्रोंकियल्स संकुचित होते हैं। यदि आपको अस्थमा यानी की दमा या श्वास रोग है तो आपके वायुमार्ग में अक्सर सूजन आती है और जलन होती है। कुछ पदार्थ आपके सूजे हुए वायुमार्ग को ज्यादा प्रभावित कर सकते हैं और नतीजतन अस्थमा का अटैक यानी की दौरा आता है। अस्थमा के अटैक यानी की दौरे के ट्रिगर्स यानी की उसके शुरू होने के कारण प्रत्येक व्यक्ति के लिए थोड़े अलग होते हैं, लेकिन आम तौर पर उनमें शामिल हैं बाहर के इर्रिटेन्ट्स और एलर्जेंस जैसे कि पोलन यानी की पराग, धुआं, प्रदूषण और ठंडा मौसम। आंतरिक यानी की अंदर कई इर्रिटेन्ट्स और एलर्जेंस जैसे कि फफूंद, पालतू पशुओं की रूसी, धूल के कीटाणु और कॉकरोच यानी की तिलचट्टा का गोबर। खाद्य यानी की आहार में पाए जाने वाले एलर्जेंस जैसे कि मछली, शैलफिश यानी की शंख, अंडे, मूंगफली और सोया। और श्वसन तंत्र से संबंधित संक्रमण, तनाव, गहरी मजबूत भावनाएं और व्यायाम जैसी स्थितियां अस्थमा के अटैक यानी की दौरे के लक्षणों में शामिल हैं। खाँसी आना, गले में गरगराहट होना, सांस लेने में तकलीफ होना और अपने सीने में जकड़न महसूस होना। अस्थमा के अटैक यानी के दौरे के दौरान, जो कि ब्रोंकियल्स पास के नाम से जानी जाती है, आपके वायुमार्ग के आसपास की मांसपेशियां कसने लगती है और वायुमार्ग की दीवार में अधिक सूजन आती है। आपके वायुमार्ग मोटी बलगम यानी की श्लेष्म या कफ़ का उत्पादन करते हैं, जिसे वे अधिक संकीर्ण हो जाते हैं और आप के लिए सांस लेना मुश्किल बनाते हैं। यदि आपको अस्थमा यानी दमा है तो आपके डॉक्टर आपके वायुमार्ग में सूजन को कम करने के लिए, आपके वायुमार्ग के आसपास की मांसपेशियों को कसने से रोकने के लिए या आपके वायुमार्ग में बलगम श्लेष्म या कफ़ जैसे स्राव को कम करने के लिए दवाईयां लेने की सलाह दे सकते हैं। अस्थमा के अटैक यानी के दौरे के दौरान आपको तुरंत ही एकदम कम समय में असर करे, वैसे ही बचाव के लिए दवाई की जरूरत पड़ सकती है, जिसे ब्रोंकोडाईलेटर कहा जाता है। इस दवाई के कारण आपके वायुमार्ग की मांसपेशियों को जल्दी से आराम मिलता है और मिनटों में आपके लक्षणों से राहत मिलती है। चूंकि अस्थमा का कोई इलाज नहीं है, इसलिए लक्ष्य यह है कि लंबे समय तक असरकारक रहे वैसी और वायुमार्ग में जिनसे सूजन आती है वैसे कारकों को नियंत्रित करे, वैसी दवाइयों का उपयोग करके आपको अस्थमा के अटैक यानी की दौरे से बचना है। यदि आप हर दिन दवाइयों को लेते हैं, वे आपके वायुमार्ग की सूजन को और उसमें होती जलन को कम करेंगे, जो उन्हें अस्थमा के अटैक यानी की दोरै के ट्रिगर्स के प्रति कम संवेदनशील बना देगा।

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