कभी मिलने चले आओ (Gazal)

1 year ago
4

बड़ा वीरान मौसम है कभी मिलने चले आओ
हर इक जानिब तेरा ग़म है कभी मिलने चले आओ

हमारा दिल किसी गहरी जुदाई के भँवर में है
हमारी आँख भी नम है कभी मिलने चले आओ

अँधेरी रात की गहरी ख़मोशी और तनहा दिल
दिए की लौ भी मद्धम है कभी मिलने चले आओ

हवाओं और फूलों की नई ख़ुश-बू बताती है
तेरे आने का मौसम है कभी मिलने चले आओ

Loading comments...