kaheen Tu Hi Na Ho कहीं तू ही न हो Gazal

1 year ago
11

याद कर कर के उसे वक़्त गुज़ारा जाए
किस को फ़ुर्सत है वहाँ कौन दोबारा जाए

शक सा होता है हर इक पे कि कहीं तू ही न हो
अब तिरे नाम से किस किस को पुकारा जाए

जिस तरह पेड़ को बढ़ने नहीं देती कोई बेल
क्या ज़रूरी है मुझे घेर के मारा जाए

उस हसीं शख़्स की ख़ातिर जो कहा है 'ताबिश'
कम है इस शे'र को जितना भी सँवारा जाए

"Poetry is when an emotion has found its thought and the thought has found words."

"कविता तब होती है जब भावना को उसका विचार मिल जाता है और विचार को शब्द मिल जाते हैं।"

Loading comments...