चंद्रयान-3 मिशन का मकसद आखिर क्या है, क्यों कराई गई सॉफ्ट लैंडिंग जानिए ?

1 year ago
6

Moon Mission: चंद्रमा पर 'चंद्रयान-3' की सुरक्षित और सफल सॉफ्ट-लैंडिंग के बाद भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO समेत पूरे देशभर में उत्साह और जश्न का महौल है. इसरो ने 2008 में पहला चंद्र मिशन लॉन्च किया था, उसके बाद जुलाई 2019 में दूसरा और अब चंद्रयान-3 के रूप में तीसरा. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने आखिर किस मकसद के साथ चंद्रयान-3 मिशन को अंजाम दिया है, आइये जानते हैं.
चंद्रयान-3 मिशन मानवता के लिए कितना उपयोगी है?

2008 में भारत के पहले चंद्र मिशन 'चंद्रयान-1' ने परिक्रमा करते हुए सबसे पहले चंद्रमा पर पानी मौजूद होने के साक्ष्यों का पता लगाया था. करीब 14 वर्षों से चंद्रमा की परिक्रमा कर रहे अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के अंतरिक्ष यान लूनर रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर (Lunar Reconnaissance Orbiter) ने भी स्थायी रूप से छाया वाले कुछ बड़े क्रेटर्स (गड्ढों) में वाटर आइस यानी पानी की बर्फ का पता लगाया है.

इसके अलावा विभिन्न देशों के चंद्र मिशनों से चंद्रमा से लाई गई सामग्री का विश्लेषण कर ऊर्जा, खनिज और धातुओं के वहां मौजूद होने की संभावना जताई जाती रही है. विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर चंद्रमा पर मौजूद पानी या खनिजों और धातुओं तक इंसान की पहुंच आसान हुई तो उनका इस्तेमाल भविष्य में मानवता के लिए बेहद उपयोगी साबित होगा.

Loading comments...