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आखिर जीत ली अपने जिंदगी की लड़ाई एक बार जरुर देखें देख के दंग रह जाओगे
जब हौसला बना लिया ऊंची उड़ान का, तब देखना फिज़ूल है, कद आसमान का!
वक़्त की गर्दिशों का ग़म न करो हौसले मुश्किलों में पलते हैं….!!
घायल तो यहाँ,हर एक परिंदा है, मगर.. जो फिर से उड़ सका, *वही जिन्दा है..
ख़ुद से है वादा ,कुछ करके जाऊग़ी
सबके सीने को गर्व से भरकर जाऊग़ी
मेरा ये ज़ीवन मेरी ज़िमेदारी।
सुऱज को सलाम करती दुनिया सारी
शिखर पर जानें को मै तैयार हूँ।
सबसे टकराने को मैं तैयार हूँ।
मुश्किल हो कैसी भी मेरे हौसले से कम है,,अँधरे को चीर दे इतना दम है।।
कोशिशों के बावजूद हो जाती हैं कभी हार,
होके निराश मत बैठना मन को अपने मार,
बढ़ते रहना आगे सदा हो जैसा भी मौसम,
पा लेती हैं मंजिल चीटियाँ भी गिर-गिर कर हर बार…
Motivational Lines:
कई जीत बाकी है, कई हार बाकी है,
अभी तो जिन्दगी का सार बाकी है,
यहाँ से चले है नई मंजिल के लिए,
ये एक पन्ना था, अभी तो किताब बाकी है…
परिंदे रुक मत तुझमे जान बाकी है
मन्जिल दूर है, बहुत उड़ान बाकी है …
आज या कल मुट्ठी में होगी दुनियाँ
लक्ष्य पर अगर तेरा ध्यान बाकी है …
यूँ ही नहीं मिलती रब की मेहरबानी
एक से बढ़कर एक इम्तेहान बाकी है
जिंदगी की जंग में है हौसला जरुरी
जीतने के लिए सारा जहान बाकी है।
बेहतर से बेहतर कि तलाश करो
मिल जाये नदी तो समंदर कि तलाश करो,
टूट जाता है शीशा पत्थर कि चोट से
टूट जाये पत्थर ऐसा शीशा तलाश करो!!!
तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार
आज सिन्धु ने विष उगला है
लहरों का यौवन मचला है
आज हृदय में और सिन्धु में
साथ उठा है ज्वार
तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार
लहरों के स्वर में कुछ बोलो
इस अंधड में साहस तोलो
कभी-कभी मिलता जीवन में
तूफानों का प्यार
तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार
यह असीम, निज सीमा जाने
सागर भी तो यह पहचाने
मिट्टी के पुतले मानव ने
कभी न मानी हार
तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार
सागर की अपनी क्षमता है
पर माँझी भी कब थकता है
जब तक साँसों में स्पन्दन है
उसका हाथ नहीं रुकता है
इसके ही बल पर कर डाले
सातों सागर पार
तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार
याद रखना, सपने तुम्हारे हैं,
तो पूरा भी तुम ही करोगे।
न ही हालात तुम्हारे हिसाब से होंगे और न लोग !!
जो मुस्कुरा रहा है उसे दर्द ने पाला होगा,
जो चल रहा है उसके पाँव में छाला होगा,
बिना संघर्ष के इन्सान चमक नहीं सकता यारों,
जो जलेगा उसी दिये में तो उजाला होगा !!
जिंदगी को अक्सर,
मरम्मत की आरज़ू होती है,
बुलंद इरादे वालो की पूरी,
हर जुस्तजू होती है।
तुझे रुकना नहीं
तुझे झुकना नहीं
तेरी है जमीं तू बढ़ता चल
तारों के हाथ पकड़ता चल
तू एक है प्यारे लाखों में
तू बढ़ता चल
ये रात गई
वो सुबह नई
उसे गुमाँ है कि हमारी उड़ान कुछ कम है
हमें यक़ीं है कि ये आसमान कुछ कम है ।
आज तेरे लिए वक्त का इशारा है,
देखता ये जहां सारा है,
फिर भी तुझे रास्तों की तलाश है,
आज फिर तुझे मंज़िलो ने पुकारा है।
Motivational Lines:
वो पथ क्या पथिक कुशलता क्या
जिस पथ में बिखरे शूल न हो
नाविक की धैर्य कुशलता क्या
जब धारएं प्रतिकूल न हो
करें कोशिश इंसान तो
क्या क्या नहीं मिलता
वो शिश उठा के देखें
जिसे रास्ता नहीं मिलता
भले ही धुप हो कांटे हो राहों में
मगर चलना तो पड़ता है
क्योंकि किसी प्यासे को घर बैठे
कभी दरिया नहीं मिलता
तू रुकना नहीं
तू थकना नहीं
तू वह नहीं जो
एक आंधी से घबरा जाए
हवा मैं घुल बहते चला चल ऐ
ज़िन्दगी है गहरा सागर
डूबके है पार जाना
एक छोटी सी लहर से
फिर क्या है घबराना
मिलेंगे खूब जो तुझे
खिचेगे दो कदम पीछे
पर तू रुकना नहीं
आँखों मैं है सपने
करने है वह पूरे
तू थकना नहीं
तू रुकना नहीं
तू न थकेगा कभी,
तू न रुकेगा कभी,
तू न मुड़ेगा कभी,
कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।
मुश्किल कोई आ जाये तो
परबत कोई टकराए तो
ताक़त कोई दिखलाये तो
तूफ़ान कोई मंडलाये तो
मुश्किल कोई आ जाये तो
परबत कोई टकराये तो
बरसे चाहे अम्बर से आग
लिपटे चाहे पैरों से नाग -२
पायेगा जो लक्ष्य है तेरा
लक्ष्य तो हर हाल में पाना है
बारिश की बूंदे भले ही छोटी हो
पर उनका लगातार बरसना बड़ी नदियों का भाव बन जाता है
वैसे ही हमारे छोटे प्रयास भी ज़िन्दगी में बड़ा बदलाव ला सकते है
उठो, जागो और तब तक नहीं रुको
जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाए
सपने और लक्ष्य में एक ही अंतर है
सपने के लिए बिना मेहनत की नींद चाहिए
और लक्ष्य के लिए बिना नींद की मेहनत
मेहनत कर तू डरता क्युं है,
संघर्ष करने से बचता क्युं है,
जान लगा दे या जाने दे,
बीच भवंर में फंसता क्युं है l
समय अनमोल है महत्व समझ जा,
समय को व्यर्थ नष्ट करता क्युं है,
आगे बढ़ अपनी शक्ति जान,
खुद को कम समझता क्युं है l
राह संघर्ष की जो चलता है,
वो ही संसार को बदलता है,
जिसने रातों से जंग जीती है,
सूर्य बनकर वही निकलता है।
Motivational Lines:
टालते जाते हो क्यों कल पे अपने सपनों को,
आज के दौर की चुनौतियों से लड़ जाने से न डरो…
डटे रहो राहों में मंजिल मिल ही जाएगी,
हालात कितने भी विषम हों अधीर न बनो…
न हौसले रुके कभी
न सपने हो आंखों से नम
लड जाना हर तूफ़ान से
न रूकने देना कदम
मेहनतकश है
मेहनत ही हो करम
छीन ले जिदगीं से ख्वाब
किस्मत से मेहनत की हो जंग
motivational quotes in hindi 2022
वहाँ अक्सर तूफान भी हार जाया करते हैं।
जहाँ कश्तियाँ जिद्द पर टिकी होती हैं।
तू न थकेगा कभी,
तू न रुकेगा कभी,
तू न मुड़ेगा कभी,
कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।
दूर से देखने पर अक्सर रास्ते बंद नज़र आते हैं,
मगर सफल वही होते हैं जो रास्ते के अंत तक जाते हैं,
क्योंकि पास से वो खुले नज़र आते हैं।
मेहनत को कभी कल के लिए बाकी मत रखो।
मंज़िल तक पहुँचने से पहले आराम करने के बारे में ना सोचो।
साहस फिर से बढ़ता है परिंदो का,
अक्सर आँधियों के चले जाने के बाद।
पुनः निर्माण से सजाते है घोंसले अपने,
उन आँधियों से ठोकर खाने के बाद।।
इंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है,
क्योंकि सफलता का आनंद उठाने के लिए ये ज़रूरी हैं।
अब्दुल कलाम
यदि चार बातों का पालन किया जाए –
एक महान लक्ष्य बनाया जाए,
ज्ञान अर्जित किया जाए,
कड़ी मेहनत की जाए, और
दृढ रहा जाए –
तो कुछ भी हासिल किया जा सकता हैं।
जो बदलता है वो आगे बढ़ता है।
कभी नहीं गिरने से ज्यादा महान काम हर बार गिरकर भी उठने की हिम्मत करना है।
चाहे हृदय को ताप दो
चाहे मुझे अभिशाप दो
कुछ भी करो कर्तव्य पथ से किंतु भागूँगा नहीं।
वरदान माँगूँगा नहीं।।
निज गौरव का नित ज्ञान रहे
हम भी कुछ हैं यह ध्यान रहे
मरणोंत्तर गुंजित गान रहे
सब जाय अभी पर मान रहे
कुछ हो न तज़ो निज साधन को
नर हो, न निराश करो मन को।
करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान ।
रसरी आवत-जात के, सिल पर परत निशान ।।
“ज़िंदगी जीना आसान नहीं होता
बिना संघर्ष के कोई महान नहीं होता
जब तक न पड़े हथौड़े की चोट
पत्थर भी भगवान नहीं होता।”
जीतूँगा मैं, यह ख़ुद से वादा करो,
जितना सोचते हो, कोशिश उससे ज्यादा करो,
तकदीर भी रूठे पर हिम्मत न टूटे,
मजबूत इतना अपना इरादा करो.
उतार के फेंक दे सब जंजाल, बीते कल का हर कंकाल
तेरे तलवे हैं, तेरी नाल, तुझे तो करना है हर हाल
वो पथ क्या पथिक कुशलता क्या*
जिस पथ में बिखरे शूल न हो*
नाविक की धैर्य कुशलता क्या*
जब धारएं प्रतिकूल न हो*
करें कोशिश इंसान तो*
क्या क्या नहीं मिलता*
वो शिश उठा के देखें*
जिसे रास्ता नहीं मिलता*
भले ही धुप हो कांटे हो राहों में*
मगर चलना तो पड़ता है*
क्योंकि किसी प्यासे को घर बैठे*
कभी दरिया नहीं मिलता*
जो समय के साथ नहीं चलता,
फिर उसके साथ कोई नहीं चलता।
जब तक आप अपनी समस्याओं एंव
कठिनाइयों की वजह दूसरों को मानते है,
तब तक आप अपनी समस्याओं एंव
कठिनाइयों को मिटा नहीं सकते|
Motivational Lines:
टालते जाते हो क्यों कल पे अपने सपनों को,
आज के दौर की चुनौतियों से लड़ जाने से न डरो…
डटे रहो राहों में मंजिल मिल ही जाएगी,
हालात कितने भी विषम हों अधीर न बनो…
न हौसले रुके कभी
न सपने हो आंखों से नम
लड जाना हर तूफ़ान से
न रूकने देना कदम
मेहनतकश है
मेहनत ही हो करम
छीन ले जिदगीं से ख्वाब
किस्मत से मेहनत की हो जंग
वहाँ अक्सर तूफान भी हार जाया करते हैं।
जहाँ कश्तियाँ जिद्द पर टिकी होती हैं।
तू न थकेगा कभी,
तू न रुकेगा कभी,
तू न मुड़ेगा कभी,
कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।
दूर से देखने पर अक्सर रास्ते बंद नज़र आते हैं,
मगर सफल वही होते हैं जो रास्ते के अंत तक जाते हैं,
क्योंकि पास से वो खुले नज़र आते हैं।
मेहनत को कभी कल के लिए बाकी मत रखो।
मंज़िल तक पहुँचने से पहले आराम करने के बारे में ना सोचो।
साहस फिर से बढ़ता है परिंदो का,
अक्सर आँधियों के चले जाने के बाद।
पुनः निर्माण से सजाते है घोंसले अपने,
उन आँधियों से ठोकर खाने के बाद।।
इंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है,
क्योंकि सफलता का आनंद उठाने के लिए ये ज़रूरी हैं।
अब्दुल कलाम
यदि चार बातों का पालन किया जाए –
एक महान लक्ष्य बनाया जाए,
ज्ञान अर्जित किया जाए,
कड़ी मेहनत की जाए, और
दृढ रहा जाए –
तो कुछ भी हासिल किया जा सकता हैं।
जो बदलता है वो आगे बढ़ता है।
कभी नहीं गिरने से ज्यादा महान काम हर बार गिरकर भी उठने की हिम्मत करना है।
चाहे हृदय को ताप दो
चाहे मुझे अभिशाप दो
कुछ भी करो कर्तव्य पथ से किंतु भागूँगा नहीं।
वरदान माँगूँगा नहीं।।
निज गौरव का नित ज्ञान रहे
हम भी कुछ हैं यह ध्यान रहे
मरणोंत्तर गुंजित गान रहे
सब जाय अभी पर मान रहे
कुछ हो न तज़ो निज साधन को
नर हो, न निराश करो मन को।
करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान ।
रसरी आवत-जात के, सिल पर परत निशान ।।
“ज़िंदगी जीना आसान नहीं होता
बिना संघर्ष के कोई महान नहीं होता
जब तक न पड़े हथौड़े की चोट
पत्थर भी भगवान नहीं होता।”
जीतूँगा मैं, यह ख़ुद से वादा करो,
जितना सोचते हो, कोशिश उससे ज्यादा करो,
तकदीर भी रूठे पर हिम्मत न टूटे,
मजबूत इतना अपना इरादा करो.
उतार के फेंक दे सब जंजाल, बीते कल का हर कंकाल
तेरे तलवे हैं, तेरी नाल, तुझे तो करना है हर हाल
वो पथ क्या पथिक कुशलता क्या*
जिस पथ में बिखरे शूल न हो*
नाविक की धैर्य कुशलता क्या*
जब धारएं प्रतिकूल न हो*
करें कोशिश इंसान तो*
क्या क्या नहीं मिलता*
वो शिश उठा के देखें*
जिसे रास्ता नहीं मिलता*
भले ही धुप हो कांटे हो राहों में*
मगर चलना तो पड़ता है*
क्योंकि किसी प्यासे को घर बैठे*
कभी दरिया नहीं मिलता*
motivational quotes in hindi 2022
जो समय के साथ नहीं चलता,
फिर उसके साथ कोई नहीं चलता।
जब तक आप अपनी समस्याओं एंव
कठिनाइयों की वजह दूसरों को मानते है,
तब तक आप अपनी समस्याओं एंव
कठिनाइयों को मिटा नहीं सकते|
Motivational Lines:
विश्वास में वो शक्ति है जिससे उजड़ी हुई
दुनिया में प्रकाश लाया जा सकता है|
विश्वास पत्थर को भगवान बना सकता है
और अविश्वास भगवान के बनाए
इन्सान को पत्थरदिल बना सकता है|
अगर ज़िंदगी में कुछ पाना हो, तो तरीके बदलो इरादे नहीं…!!
ज्यादातर लोग उतने ही खुश रहते हैं, जितना वो अपने दिमाग में तय कर लेते हैं.
मुसाफिर हूँ इन मंजिलों की..जहाँ
पहले अंजान रास्ते थे
और अब
जाने पहचाने काँटे हैं।।
परिंदे रुक मत तुझमे जान बाकी है*
मन्जिल दूर है, बहुत उड़ान बाकी है …*
आज या कल मुट्ठी में होगी दुनियाँ*
लक्ष्य पर अगर तेरा ध्यान बाकी है …*
यूँ ही नहीं मिलती रब की मेहरबानी*
एक से बढ़कर एक इम्तेहान बाकी है*
जिंदगी की जंग में है हौसला जरुरी*
जीतने के लिए सारा जहान बाकी है।*
हालात कितने भी विषम हों अधीर न बनो…
वो लेते रहेंगे इम्तिहान तेरे धैर्य का साहस का,
तू चोट खा कर भी मुस्कुराने से न डरो…
अब कदम बढ़ाने से न डरो,
फिसल के गिर जाने से न डरो…
कुछ करके दिखाने की इक्छा
रखने वाले व्यक्ति के लिए;
इस दुनिया में कोई भी काम
असंभव नहीं हैं.
किस्मत का तो पता नहीं
पर मेहनत से सब मिलता है
ईश्वर का दिया कभीं अल्प नहीं होता
जो टूट जाय वो संकल्प नहीं होता
हार को लक्ष्य से दूर ही रखना
क्योंकि जीत का कोई विकल्प नहीं होता….
ये रास्ते ले ही जाएंगे…मंजिल तक, तू हौसला रख, कभी सुना है कि अंधेरे ने सुबह ना होने दी
में उस माटी का वृक्ष नहीं जिसको नदियों ने सींचा है..
में उस माटी का वृक्ष नहीं जिसको नदियों ने सींचा है..
बंजर माटी में पलकर मैंने मृत्यु से जीवन खींचा है
मैं पत्थर पर लिखी इबारत हूँ… मैं पत्थर पर लिखी इबारत हूँ
|
शीशे से कब तक तोड़ोगे…
मिटने वाला नाम नहीं, तुम मुझको कब तक रोकोगे
तुम मुझको कब तक रोकोगे
इस जग में जितने जुल्म नहीं, उतने सहने की ताकत है..
तानों के भी शोर में रहकर सच कहने की आदत है..
मैं सागर से भी गहरा हूँ
.. मैं सागर से भी गहरा हूँ
..
तुम कितने कंकड़ फेंकोगे,
चुन-चुन कर आगे बढूंगा मैं, तुम मुझको कब तक रोकोगे
…
तुम मुझको कब तक रोकोगे
जीत जाओगे एक दिन !!
अगर तुम बारीकियों को पकड़ रहे हो
तो सीख जाओगे एक दिन !!
हौसले से मंजिल पर बढ रहे हो
तो जीत जाओगे एक दिन !!
समय की हवा उस रूख में बहने लगेगी
जिस दिशा में तुम होगे !
खुशियों की परछाईयाँ पीछे चलने लगेगीं
जिस जगह पे तुम होगे !
साफ नीयत से काम करोगे
तो काम भी तुम पर मरेंगे !!
अगर ज़मी-आसमां एक कर रहे हो
तो जीत जाओगे एक दिन !!
ख़ामोशी के संग भी तुम
ख़ामोश मत रहना !!
हुस्न के नशे में हर दम
मदहोश मत रहना !!
अपनों को गैर मत करना
गैरों से बैर मत करना !!!!
अपनी मुश्किलों से जो लड़ रहे हो
तो जीत जाओगे एक दिन !!
हुस्न इक निकासी है
आत्मज्ञान सर्वव्यापी है
ये बात जो समझ रहे हो
तो जीत जाओगे एक दिन !
माना कष्ट अपार है,
धूप में जलता, संसार है,
तू ज़मीन में ही अपनी,जडें पसार
भर ले खुद मैं, शक्ति अपार,
अन्दर ही कर ले, पानी की खोज,
कर मरू भूमि में जीवन की खोज |
गुजरे तू जिन, राहों से,
जिस चट्टान पर रखे कदम,
कदमों की पर जाए छाप,
हो तेरे पैरों में, इतना दम|
चर्चा हो जब भी तेरी,
छोटा पड़े हर शब्दकोष,
नैति -नैति करके यही बोले,
एक विजेता, ऐसा था,
जिसने की थी, मरू भूमि में जीवन की खोज |
अपनी आवाज़ की बुलंदी उतनी हो की , लोगो को सुनना ही पड़े।
हौसलों से भरी उड़ान ऐसी हो की, आसमान को भी झुकना ही पड़े।
कोशिशें मेहनत करने की इतनी हो की ,किस्मत की लकीरों को ढूंढना ना पड़े।
वादा खुद से खुद पर इतना हो की , दूसरों की आस पर जिंदा ना रहना पड़े।
ना आंक अपनी कीमत तू औरो से कम ,
तू उठ , तू खड़ा हो , तू लड़ अपनी हर जंग।
गिरा दे तुम्हें ना मुश्किलों में है उतना दम ,
रख खुद पर भरोसा तू और बन जा मदमस्त।
जिंदा रहे तू खुद में ना दूसरों में तू पल,
वादा कर खुद से इतना और कर दूसरों को तू परस्त।
माना मुश्किल हैं पर नामुमकिन नहीं भरोसा तू इतना रख , कोशिशें तू करता रहे बस यहीं एक अग्निपथ ।
कर अपनी हर हदे पार तू मुश्किलों से ना डर,
पंछी सा तू आसमां में उड़ , फैला के अपने पंख।
आज कुछ ठान के, सोचना शुरू तो कर।
दूर भी है मंजिल, तो क्या है फिकर?
दस कदम भी बढ़ाया, तो क्यों है निराश?
कुछ तो पहुंचा है तू, अपनी मंजिल के पास।
माना कि सही रास्ता पहचानना है थोड़ा मुश्किल।
धूप में तप, बारिश में भींग, सर्द में ठिठुर, अब नही रहा तू बुज़दिल।
अब तो तूने जाना है, तेरे भीतर भी ओजस्वी बलवान है।
तू भी है सशक्त, और तू भी शक्तिमान है।
कल तक जो मंजिल ओझल थी, आज तो बिल्कुल प्रत्यक्ष है।
कल तक जो परिश्रम सपने थे, आज वही सरल जीवन है।
और अब विश्वास है, मंजिल भी आसान है।
बस सोचने का ही था डर, और अब सोच ही संसार है।
तुझे रुकना नहीं
तुझे झुकना नहीं
तेरी है जमीं तू बढ़ता चल
तारों के हाथ पकड़ता चल
तू एक है प्यारे लाखों में
तू बढ़ता चल
ये रात गई
वो सुबह नई
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम
संघर्ष का मैदान छोड़ मत भागो तुम
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
जब बारिश होती है, तो सभी पक्षी आश्रय के लिए उड़ान भरते हैं, लेकिन ईगल बादलों के ऊपर उड़कर बारिश से बच जाता है…। समस्याएं सभी के लिए आम हैं, लेकिन दृष्टिकोण में फर्क पड़ता है।
“हमेशा जीत और हार आपकी
सोच पर निर्भर करती है,
मान लो तो हार होगी,
ठान लो तो जीत होगी !
दिहाड़ी वाले परिंदों का
जेहन मे घौसला रखो।
बीत जाएंगे ये दिन भी
थोडा हौसला रखो!
आज तूफान आया था घर के बरामदे मेँ
उजड़ गया तिनकों का महल एक ही झोंके मेँ
उस चिड़िया की आवाज़ आज ना सुनायी दी
शायद
फिर से जूट गयी बेचारी सब सँवारने मेँ
राहें जो आसान ना हो,
तो तुम सहम ना जाना,
अपनी कश्ती को हवा के सहारे,
कहीं भूल ना जाना,
तूफ़ान आए तो, झकझोर देना तुम उसे,
अपने तेज को आलोकित कर,
तुम अंधेरों से भी लड़ जाना,
कहीं जो मिल जाए मंज़िल तुम्हें,
तो संघर्षों को भूल ना जाना,
ज़िन्दगी का नाम संघर्ष है,
सफल होकर कहीं तुम लड़ना ना भूल जाना…
कोशिश कर, हल निकलेगा
आज नहीं तो, कल निकलेगा.
अर्जुन के तीर सा सध
मरूस्थल से भी जल निकलेगा.
मेहनत कर, पौधों को पानी दे
बंजर जमीन से भी फल निकलेगा.
ताकत जुटा, हिम्मत को आग दे
फ़ौलाद का भी बल निकलेगा
जिंदा रख, दिल में उम्मीदों को
गरल के समंदर से भी गंगाजल निकलेगा.
कोशिशें जारी रख कुछ कर गुजरने की
जो है आज थमा-थमा सा, चल निकलेगा
धरा हिला, गगन गुंजा
नदी बहा, पवन चला
विजय तेरी, विजय तेरी
ज्योति सी जल, जला
भुजा-भुजा, फड़क-फड़क
रक्त में धड़क-धड़क
धनुष उठा, प्रहार कर
तू सबसे पहला वार कर
अग्नि सी धधक-धधक
हिरन सी सजग-सजग
सिंह सी दहाड़ कर
शंख सी पुकार कर
रुके न तू, थके न तू
झुके न तू, थमे न तू
सदा चले, थके न तू
रुके न तू, झुके न तू
हर जंजीर तोड़ते चलो,
नदियों का रुख मोड़ते चलो,
सितारों में दुनिया खोजना है,
इस धरती को छोड़ते चलो.
और ऊँचा चढ़ते चलो
बढ़ते चलो तुम बढ़ते चलो
मुश्किल कहां कुछ होता है,
बेकार में तू ऐसे रोता है,
चल पगले हंसलें खिलखिला के
काहे को दुखों को संजोता है.
अपना नसीब खुद गढ़ते चलो
बढ़ते चलो तुम ,बढ़ते चलो
Motivational Lines:
जो मुस्कुरा रहा है उसे दर्द ने पाला होगा,
जो चल रहा है उसके पाँव में छाला होगा,
बिना संघर्ष के इन्सान चमक नहीं सकता यारों,
जो जलेगा उसी दिये में तो उजाला होगा !!
साहस फिर से बढ़ता है परिंदो का,
अक्सर आँधियों के चले जाने के बाद।
पुनः निर्माण से सजाते है घोंसले अपने,
उन आँधियों से ठोकर खाने के बाद।।
अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मेहनत करो ना
नकारात्मक विचारों को दूर करो ना
माता पिता के सपने पूरे करो ना
दिन रात लक्ष्य पर ध्यान करो ना
उम्र थका नहीं सकती
ठोकरें गिरा नहीं सकती
अगर जितने की जिद हो तो
परिस्थितियां हरा नहीं सकती
गिरे है संकट के बादल, फिर भी सूरज निकलेगा
इन्हीं गम की घटाओ से, खुशी का चांद निकलेगा
सच है, विपत्ति जब आती है,
कायर को ही दहलाती है,
सूरमा नही विचलित होते,
क्षण एक नहीं धीरज खोते
गति प्रबल पैरों में भरी
फिर क्यों रहूं दर दर खड़ा
जब आज मेरे सामने
है रास्ता इतना पड़ा
जब तक मंजिल न पा सकूं
तब तक मुझे न विराम है
चलना हमारा काम है.
मैं तूफ़ानों मे चलने का आदी हूं..
तुम मत मेरी मंजिल आसान करो..
हैं फ़ूल रोकते, काटें मुझे चलाते..
मरुस्थल, पहाड़ चलने की चाह बढाते..
सच कहता हूं जब मुश्किलें ना होती हैं..
मेरे पग तब चलने में भी शर्माते..
मेरे संग चलने लगे हवायें जिससे..
तुम पथ के कण-कण को तूफ़ान करो..
जीवन अपूर्ण लिए हुए
पाता कभी खोता कभी
आशा निराशा से घिरा,
हँसता कभी रोता कभी
गति-मति न हो अवरूद्ध,
इसका ध्यान आठो याम है,
चलना हमारा काम है।
दीप निष्ठा का लिये निष्कंप
वज्र टूटे या उठे भूकंप
यह बराबर का नहीं है युद्ध
हम निहत्थे, शत्रु है सन्नद्ध
हर तरह के शस्त्र से है सज्ज
और पशुबल हो उठा निर्लज्ज
किन्तु फिर भी जूझने का प्रण
अंगद ने बढ़ाया चरण
प्राण-पण से करेंगे प्रतिकार
समर्पण की माँग अस्वीकार
दाँव पर सब कुछ लगा है, रुक नहीं सकते
टूट सकते हैं मगर हम झुक नहीं सकते
हर अंधेरा रास्ते में,
है उजाले की निशानी,
चल अविचलित पाएगा तू,
मंजिलें तूने जो ठानी.
जिद क्या भला पेड़ पर लगती हैं,
अगर ठान लिया तो बस ठान लिया,
करना है जो मुझे करके रहूंगी,
मुद्दतों बाद तो मुझे मौका मिला है,
पंख फैलाकर ऊंचा उड़ने का,
थोड़ा और ऊपर से सब देखने का,
सुना है थोड़ी दूरी से सब साफ़ दिखता है,
चलो आज ये वक़्त भी मयस्सर हो गया,
दुआओं का असर इतना गहरा गया है,
पंख बनते ही उनमें दम भरने लगा है,
और कितना देर मुझसे दूर ए मंज़िल रह पाएगी,
बहुत जल्दी मुझे गले लगाएगी।
हर चुनौती से दो हाथ मैंने किये,
आंधियों में जलाए हैं बुझते दिए।
आज झकझोरता तेज़ तूफ़ान है,
नाव भँवरों की बाँहों में मेहमान है।
पार पाने का क़ायम मगर हौसला,
देख तेवर तूफ़ाँ का, तेवरी तन गई।
बहती धारा के दो किनारों का सार है ज़िन्दगी
इन्हीं किनारों के बीच संघर्ष का आधार है ज़िन्दगी
एक सुख है एक दुख है
पर इक दूजे के बिना निराधार है ज़िन्दगी
कभी तूफ़ानों से सामना भी है
कभी शांत बहना भी है
तूफ़ान कब निराकार हुए हैं
यह मान लें तो साकार है ज़िन्दगी…..
मुझमें ओर किस्मत में,
हर बार बस यही जंग है
में उसके फैसलों से तंग और,
वो मेरे हौसलों से दंग
रात काली है भयंकर, दूर तक पसरा अँधेरा
डस लिया है कृष्ण सर्पों ने, नहीं जीवित सवेरा
है मगर तू सूर्य इतना जान ले बस
उग प्रखर सा भोर कर, ललकार के बस
अब समय है, पूर्ण कर जो स्वप्न तूने खुद बुने हैं
युद्ध के मैदान तूने खुद चुने हैं !
कदम निरन्तर चलते जिनके,
श्रम जिनका अविराम है।
विजय सुनिश्चित होती उनकी,
घोषित यह परिणाम् है॥
लौकिक और अलौकिक बन्धन,
जिनको बांध नहीं पाते।
घिरें विघ्न बाधाएं फिर भी,
तनिक नही वे घबराते।
मान चुनौती करें सामना,
यह जीवन संग्राम हैं॥
साहस सम्बल होता जिनका,
धैर्य सारथि होता है।
लोकहितैषी बनकर अपने,
प्राणों को भी खोता है।
इतिहास सदा लिखता पृष्ठों पर,
उनका स्वर्णिम नाम है॥
कालचक्र के माथे पर
जो पौरुष की भाषा लिखते।
उनकी मृत्यु कभी नही होती,
वे केवल करते दिखते।
मातृभूमि की पावन गीता,
गाते आठों याम है॥
तू युद्ध कर
माना हालात प्रतिकूल हैं,
रास्तों पर बिछे शूल हैं
रिश्तों पे जम गई धूल है
पर तू खुद अपना अवरोध न बन
तू उठ…… खुद अपनी राह बना
माना सूरज अँधेरे में खो गया है……
पर रात अभी हुई नहीं,
यह तो प्रभात की बेला है
तेरे संग है उम्मीदें,
किसने कहा तू अकेला है
तू खुद अपना विहान बन,
तू खुद अपना विधान बन…
सत्य की जीत हीं तेरा लक्ष्य हो
अपने मन का धीरज,
तू कभी न खो
रण छोड़ने वाले होते हैं कायर
तू तो परमवीर है,
तू युद्ध कर – तू युद्ध कर…
इस युद्ध भूमि पर,
तू अपनी विजयगाथा लिख
जीतकर के ये जंग,
तू बन जा वीर अमिट
तू खुद सर्व समर्थ है,
वीरता से जीने का हीं कुछ अर्थ है
तू युद्ध कर – बस युद्ध कर……
Inch By Inch,
Day By Day,
You are reaching the finish Line.
Every Inch is Important, Every Day is Important.
Victory Favours the Brave, And you are warehouse of Courage.
जिंदगी को अक्सर,
मरम्मत की आरज़ू होती है,
बुलंद इरादे वालो की पूरी,
हर जुस्तजू होती है।
सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो
सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो
सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो
इधर उधर कई मंज़िल हैं चल सको तो चलो
बने बनाये हैं साँचे जो ढल सको तो चलो
किसी के वास्ते राहें कहाँ बदलती हैं
तुम अपने आप को ख़ुद ही बदल सको तो चलो
यहाँ किसी को कोई रास्ता नहीं देता
मुझे गिराके अगर तुम सम्भल सको तो चलो
यही है ज़िन्दगी कुछ ख़्वाब चन्द उम्मीदें
इन्हीं खिलौनों से तुम भी बहल सको तो चलो
हर इक सफ़र को है महफ़ूस रास्तों की तलाश
हिफ़ाज़तों की रिवायत बदल सको तो चलो
कहीं नहीं कोई सूरज, धुआँ धुआँ है फ़िज़ा
ख़ुद अपने आप से बाहर निकल सको तो चलो
अकेले चले थे राह में
कुछ अज़नबियों से मुलाकात होती गई
दो कदम हम चले, दो कदम सब चले
और दोस्ती/सफ़र की शुरुआत होती गई
कभी तूफ़ान ए शाम भी आई
कभी रौनक ए सुबह भी आई
इन्हीं से सीख लिए अनुभवों की बुनियाद पर
ये हौसलों की मीनार बुलंद होती गई
और राहें ये कितनी आसान होती गईं……
सीख चुका हूँ तैरना
दरिया भी पार कर जाऊँगा
हर मुश्किल का सामना कर
मंजिल अपनी पा जाऊँगा
ठान लिया अब रुकना नहीं
आँधी-तूफान देख झुकना नहीं
गिर गया कभी
तो फिर सम्भल जाऊँगा
उतरा हूँ मैदान में
लड़ना भी सीख जाऊँगा
परिणाम चाहे जो भी हो
हमेशा की तरह अपना धर्म निभाऊँगा
जीत जाऊँगा
कई जीत बाकी है कई हार बाकी है,
अभी तो जिंदगी का सार बाकी है।
यहां से चले हैं नई मंजिल के लिए,
यह तो एक पन्ना था अभी तो पुरी किताब बाकी है॥
हवा में ताश का महल नहीं बनता,
रोने से बिगड़ा मुकद्दर नहीं बनता।
दुनिया जीतने का हौसला रख ऐ दोस्त,
एक जीत से कोई सिकंदर नहीं बनता
बेहतर से बेहतर की तलाश करो,
मिल जाए नदी तो समंदर की तलाश करो।
टूट जाता है शीशा पत्थर की चोट से,
टूट जाए पत्थर ऐसा शीशा तलाश करो
जब आंखों में अरमान लिया,
मंजिल को अपना मान लिया।
है मुश्किल क्या आसान क्या,
जब ठान लिया तो ठान लिया॥
दुनिया का हर शौक पाला नहीं जाता,
कांच के खिलौनों को उछाला नहीं जाता।
मेहनत करने से मुश्किल हो जाती है आसान,
क्योंकि हर काम तकदीर पर टाला नहीं जाता॥
सामने हो मंजिल तो रास्ते ना मोड़ना,
जो भी हो मन में वह सपने मत तोड़ना।
कदम कदम पर मिलेंगी मुश्किले आपको,
बस सितारे चुनने के लिए जमीन मत छोड़ना॥
जब टूटने लगे हौसले तो यह याद रखना,
बिना मेहनत के हासिल तख्तो ताज नहीं होते।
ढूंढ़ लेना अंधेरे में ही मंजिल अपनी,
क्योंकि जुगनू कभी रोशनी के मोहताज नहीं होते॥
खोकर पाने का मजा ही कुछ और है,
रोकर मुस्कुराने का मजा ही कुछ और है।
हार तो जिंदगी का हिस्सा है मेरे दोस्त,
हार कर जीत जाने का मजा ही कुछ और है॥
फूंक दे खुद को ज्वाला ज्वाला
बिन खुद जले ना होय उजाला
संघर्ष में आदमी अकेला होता है,
सफलता में दुनिया उसके साथ होती है,
जिस-जिस पर ये जग हँसा है,
उसी ने इतिहास रचा है…
कदम निरन्तर चलते जिनके,
श्रम जिनका अविराम है।
विजय सुनिश्चित होती उनकी,
घोषित यह परिणाम् है॥
संघर्ष की मार्ग पर जो वीर चलता हैं,
वो ही इस संसार को बदलता हैं,
जिसने अन्धकार, मुसीबत और ख़ुद से जंग जीती,
सूर्य बनकर वही निकलता हैं
मानता हूँ तू अकेला है बहुत और थक चुका है
पीठ में खंजर गड़े हैं, स्वेद-शोणित बह चुका है
है मगर तू वज्र की तलवार इतना जान ले बस
जंग में ही, वज्र का है ज़ंग मिटता, प्राण ले बस
शौर्य के तेरे ही किस्से वीर-पुत्रों ने सुने हैं
युद्ध के मैदान तूने खुद चुने हैं !
Shri Swarochish, IAS
ख़ुद में तू हथियार है
लड़ने को तैयार है
डंके की इक चोट के जैसा हर तेरा वार है
मंज़िल तुझपे है फ़िदा
कुछ ऐसा करजा के वो भी तुझसे पूछे
बंदे बतला दे तेरी मर्ज़ी है क्या
हौसले जिनके चट्टान हुआ करते हैं
रास्ते उनके ही आसान हुआ करते हैं
ए नादान न घबरा इन परेशानियों से
ये तो पल भर के मेहमान हुआ करते हैं
जिंदगी की राह
उठो, जुड़ो , फिर से चलो;
अपनी राह खुद से चुनो ;
जो खुद हमेशा है लड़ी;
फिर आज कैसे उसे किसी की जरूरत आ पड़ी;
हार मानना जानती नहीं हो;
फिर क्यों डरकर चुप खड़ी हो;
उठो, जुड़ो, फिर से चलो;
अपनी राह खुद से चुनो
राह में मुश्किल होगी हजार,
तुम दो कदम बढाओ तो सही,
हो जाएगा हर सपना साकार,
तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही।
मुश्किल है पर इतना भी नहीं,
कि तू कर ना सके,
दूर है मंजिल लेकिन इतनी भी नहीं,
कि तु पा ना सके,
तुम चलो तो सही, तुम चलो तो सही।
समझो खुद को,
लक्ष्य का ध्यान करो,
यूं ना बैठकर बीच राह में,
मंजिल का इंतजार करो,
संभालो खुद को यूं ना विश्राम करो,
सपनों में उड़ान भरो।
उठो चलो आगे बढ़ो,
मन की आवाज सुनो,
खुद के सपने साकार करो,
अपना भी कुछ नाम करो,
इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करो,
सपनों में उड़ान भरो।
माना हालात प्रतिकूल हैं, रास्तों पर बिछे शूल हैं
रिश्तों पे जम गई धूल है
पर तू खुद अपना अवरोध न बन
तू उठ…… खुद अपनी राह बना………………………..
बारिश की बूंदे भले ही छोटी हो
पर उनका लगातार बरसना बड़ी नदियों का भाव बन जाता है
वैसे ही हमारे छोटे प्रयास भी ज़िन्दगी में बड़ा बदलाव ला सकते है
ये दिल की मशालें
जोश से जला के
जलती लपटों को हमने
हाथों में है थाम लिया
🔥UPSC ASPIRANTS🔥
हौसलों के आगे कोई पर्दा नहीं होता,
कड़े परिश्रम का कोई विकल्प नहीं होता,
दिल में हो जज्बा
कुछ कर दिखाने का तो
जलते दिए को भी आंधियों का डर नहीं होता ।।
हो चुका आगाज रण का
युग बदलने की तैयारी
जीत उसी की होगी
जिसका संघर्ष है जारी
जीत कर दिखाओ उनको जो
तुम्हारी हार का इंतजार कर रहे है
हर रोज़ गिर कर भी
मुकम्मल खङे हैं
एै ज़िन्दगी देख,
मेरे हौंसले तुझसे भी बङे हैं
ख़्वाब टूटे हैं मगर हौंसले ज़िन्दा हैं
हम वो हैं जहॉ मुश्किलें शर्मिदा हैं…!!
माना है मुश्किल यह डगर,
हम भी है मजबूत मगर,
संघर्ष कर जीवन की आंधी से,
हमने चलते रहना सीखा है…
हम उस दीपक की लौं नहीं,
जो एक झोंके से बुझ जाएं,
हम वह जंगल की ज्वाला है,
जिसने आंधी में बढ़ना सीखा है…
निशा आगमन पर निराश क्यों?
कि निश्चित है अब प्रभात!
परिवर्तन ही प्रकृति की नियति है,
इस सत्य को हमने सीखा है…
माना कि पथ आसान नहीं,
हमको मंजूर पर हार नहीं,
लड़खड़ा के ही चलना सीखा है,
हाॅ॑! गिर कर ही उठना सीखा है…
लाख दलदल हो ,पाँव जमाए रखिये,
हाथ खाली ही सही,ऊपर उठाये रखिये,
कौन कहता है छलनी में,पानी रुक नही सकता,
बर्फ बनने तक, हौसला बनाये रखिये !!
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।।
क्या टूटने के डर से मेरे ख्वाबो को तोड़ दू
बीच राह मे सभी ख्वाहिशो को छोड़ दु
माना के राहो मे आती है मुश्किले
गिरने के दर से चलना ही छोड़ दू
वादा किया है मंजिलों से मै आऊँगा जरूर
कैसे मै भला उस वादे को तोड़ दू
गति प्रबल पैरों में भरी
फिर क्यों रहूं दर दर खडा
जब आज मेरे सामने
है रास्ता इतना पडा
जब तक न मंजिल पा सकूँ,
तब तक मुझे न विराम है,
चलना हमारा काम है।
Motivational Lines:
काल करे सो आज कर,
आज करे सो अब ।
पल में प्रलय होएगी,
बहुरि करेगा कब ॥
सुख दुख जो आ पड़े
धैर्यपूर्वक सब सहो
होगी जीत क्यों नहीं
कर्तव्य पथ पर दृढ़ रहो
उदास न हो
मेरे नदीम मेरे हमसफर, उदास न हो।
कठिन सही तेरी मंज़िल, मगर उदास न हो।
कदम कदम पे चट्टानें खड़ी रहें, लेकिन
जो चल निकलते हैं दरिया तो फिर नहीं रुकते।
हवाएँ कितना भी टकराएँ आंधियाँ बनकर,
मगर घटाओं के परछम कभी नहीं झुकते।
मेरे नदीम मेरे हमसफर …..
हर एक तलाश के रास्ते में मुश्किलें हैं, मगर
हर एक तलाश मुरादों के रंग लाती है।
हज़ारों चांद सितारों का खून होता है
तब एक सुबह फिज़ाओं पे मुस्कुराती है।
मेरे नदीम मेरे हमसफर ….
जो अपने खून को पानी बना नहीं सकते
वो ज़िन्दगी में नया रंग ला नहीं सकते।
जो रास्ते के अन्धेरों से हार जाते हैं
वो मंज़िलों के उजालों को पा नहीं सकते।
मेरे नदीम मेरे हमसफर, उदास न हो।
कठिन सही तेरी मंज़िल, मगर उदास न हो।
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