Chanakaya niti

1 year ago
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मूर्ख शिष्‍य को उपदेश देने से कोई लाभ नहीं होता है। करता वो वही है जो उसका मन करता है। यहां मूर्ख शिष्य से तात्‍पर्य उनका ऐसे लोगों से अपने आगे किसी की नहीं सुनते हैं। जो लोग किसी की बात नहीं सुनते हैं उन्‍हें किसी प्रकार का ज्ञान देना अपना समय व्‍यर्थ करने के समान हैं और जो लोग ऐसे मूर्खों के पीछे अपना समय नष्‍ट करते हैं वे सदैव कष्‍टों से घिरे रहते हैं।

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