समय से पूर्व ही वृद्ध अवस्था | samay se poorv hee vrddh avastha | premature aging #chanakya_neeti

1 year ago
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यदि एक व्यक्ति अपनी इन्द्रियों को नियंत्रित नहीं कर सकता है, तो उसे अपने जीवन में तनाव, दुःख और परेशानियां आ सकती हैं। यह समझना महत्वपूर्ण है कि यह बात केवल मानसिक रूप से सच होने का दावा है और इसका वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

इंसान की इन्द्रियाँ (सुनना, देखना, स्पर्श करना, स्वाद चखना, गंध लेना) उसके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, और इन्द्रियों का सुख और संतुष्टि के अनुभव में महत्वपूर्ण योगदान होता है। हालांकि, एक संतुष्ट और स्वस्थ मानसिक स्थिति और उच्च मूल्यों वाले जीवन जीने के लिए, इन्द्रियों को संयमित रखने की आवश्यकता होती है। संयमित इन्द्रियों के साथी, मानसिक शांति, संतुष्टि और आत्मसम्मान विकसित करने में मदद कर सकते हैं।

शारीरिक, मानसिक और सामाजिक सुख का प्राप्त होना केवल इन्द्रियों के संयमित रखने पर ही निर्भर नहीं है। यहां कई अन्य कारक भी प्रभावी होते हैं, जैसे कि व्यक्ति की सामर्थ्य, कौशल, ज्ञान, सामरिक परिस्थितियाँ, रिश्तों की गुणवत्ता, और उसके अभिप्रेत लक्ष्यों की प्राप्ति में प्रवृत्तियाँ। इसलिए, समय से पहले वृद्धावस्था को प्राप्त करना केवल इंद्रियों को वश में नहीं रखने से ही नहीं होता है, बल्क इसमें अनेक कारकों का मिलान होता है।

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