एक छोटी सी कहानी: जानवरों और पक्षियों के बारे में, "बंदर और चिड़िया: एक अद्भुत दोस्ती l"

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Title:-एक छोटी सी कहानी: जानवरों और पक्षियों के बारे में, "बंदर और चिड़िया: एक अद्भुत दोस्ती l"
About:- एक बार की बात है, एक जंगल में बहुत सारे जानवर और पक्षी रहते थे। वहाँ एक बंदर रहता था, जो बहुत ही शरारती था। वह हमेशा दूसरे जानवरों के साथ मस्ती करना पसंद करता था।

एक दिन, बंदर ने देखा कि एक चिड़िया अकेली बैठी हुई थी। वह उसे बहुत ही उदास देख रहा था। तो उसने चिड़िया के पास जाकर पूछा, "अरे चिड़िया, तुम इतनी उदास क्यों हो? क्या हुआ?"

चिड़िया ने उसे देखा और कहा, "ओह, बंदर भैया, मेरा पंख टूट गया है। अब मैं उड़ नहीं सकती।"

बंदर ने चिढ़ाते हुए कहा, "अच्छा, तो अब तू चल कैसे सकती है? तेरे पास तो पंख ही नहीं हैं!"

चिड़िया ने गुस्से में कहा, "तू भी ना, बंदर भैया! मैं तो बस तुझे दिखाने के लिए बैठी थी, मेरे पास पंख होते तो तुझे उड़ा देती।"

यह सुनकर बंदर ने चिढ़ाते हुए कहा, "अच्छा, अगर तू मेरे पास पंख होते तो मैं तुझे एक चीज़ दिखाता।"

चिड़िया ने उसे देखा और पूछा, "क्या दिखाना चाहते हो?"

बंदर ने हँसते हुए कहा, "मैं तुम्हें यह दिखाना चाहता था कि बंदर भी उड़ सकते हैं! हाहा!"

चिड़िया ने बंदर को गुस्से से देखा और कहा, "अगर तू उड़ सकता है, तो जल्दी से एक उड़ते हुए बता!"

बंदर ने चिढ़ाते हुए कहा, "अच्छा, ठीक है। तू देख!" और उसने एक बड़ी उड़ान भरी।

चिड़िया ने बंदर को देखकर चकित होकर कहा, "वाह, बंदर भैया! तू सचमुच में उड़ सकता है! तू तो मेरे लिए एक अद्भुत दिखावटी है!"

बंदर ने गर्व से उच्चारण किया, "हाहा! अब तू मेरे बारे में क्या सोचती है?"

चिड़िया ने मुस्कान के साथ कहा, "बंदर भैया, तू बिना पंख के भी बहुत ही खास है! तू मेरे दिल का राजा है!"

बंदर ने चिढ़ाते हुए कहा, "तू भी ना, चिड़िया! तू तो बस मेरे मज़ाक़ उड़ाने में ही लगी रहती है!"

चिड़िया ने बंदर को गले लगाया और कहा, "तू मेरा दिल को छू गया है, बंदर भैया! हमेशा ऐसे ही मस्ती करते रहना।"

इस तरह, बंदर और चिड़िया दोस्त बन गए और हमेशा एक-दूसरे के साथ मस्ती करते रहते हैं। इस कहानी से हमें यह सिखाई जाती है कि हमें दूसरों के गुस्से को नहीं लेना चाहिए और हमेशा दोस्ती बनाए रखनी चाहिए।

आपका दिन हंसी से भरा हो! 😄

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