Premium Only Content
Pravachan Shree Vishwamitra ji Maharaj
परम पूज्य डॉक्टर श्री विश्वामित्र जी महाराज जी के मुखारविंद से।
((1025))
*श्री भक्ति प्रकाश भाग ५४२(542)*
*श्री स्वामी जी महाराज की साधना पद्धति,जाप को सिमरन में परिवर्तित करना*
*जम्मू श्री राम शरणम् में प्रवचन*
अब देवियो सज्जनो अपने जप को सिमरन में तब्दील करो । मात्र माला ही नहीं घुमानी, यह जप है । इसको सिमरन में बदलो आप । प्रेम रूपी मिठास इसमें डालो, तो यह सिमरन हो जाएगा । जाप किया जाता है। सिमरन होता है, इसमें कर्तापन नहीं होता । मैंने इतना जाप किया आप कहते हो ना, अब मैं पचास हजार जाप कर लेता हूं, सिमरन का कोई हिसाब-किताब नहीं । सिमरन चलता है, सिमरन होता है ।
स्मरण remembrance, बेटा english में क्या कहेंगे सिमरन को ? Remembrance, constant remembrance सतत स्मरण चौबीसों घंटों स्मरण ।
देवियो सज्जनो आप जाप को सिमरन में बदलो । आगे जाना है ना, हमें सदा सातवीं आठवीं कक्षा में नहीं रहना । आगे बहुत सी नौवीं, दसवीं में भी जाना है । फिर उसके बाद 10+2 भी करनी है । उसके ऊपर भी जाना है, उसके आगे भी जाना है । सातवीं आठवीं में नहीं रहना, अब आगे बढ़ो । आगे जाने की आवश्यकता है । कोई कठिनाई नहीं है साधक जनो । इतनी आसान युक्ति स्वामी जी महाराज ने हमें दी है राम नाम की उपासना ।
गरीब करें, अमीर करें, छोटा करें, बड़ा करें, दुकानदार करें, हलवाई करें, तरखान करें, लोहार करें, कसाई करें, किसान करें, छोटी जाति के करें, उच्च जाति के, मानो जाति पाति का कोई भेद नहीं । अनपढ़ करें, पढ़ा लिखा करें, विद्वान करें, पापी करे, शराब पीने वाला करे, मीट खाने वाला करे, बेईमानी करने वाला, झूठ बोलने वाला,
मानो कोई ऐसा व्यक्ति है ही नहीं, जिसे राम नाम जपने का अधिकार नहीं ।
इतनी मार्मिक युक्ति स्वामी जी महाराज ने कृपा करके तो हमें दी है । यदि हम इस युक्ति का लाभ नहीं लेते साधक जनो, तो हम जैसा दुर्भाग्यवान कोई नहीं होगा । हम जैसा अभागा कोई नहीं होगा । घर बैठे युक्ति मिलती है, यही बैठे-बैठे स्वामी जी महाराज युक्ति आपको बता जाते हैं । यह युक्ति अपनाइएगा तो मन सुधरेगा, मन सुधरेगा तो परमात्मा आपका उद्धार किए बिना रह नहीं सकेगा । आप का उद्धार होगा तो आपका जीवन सफल हो जाएगा ।
साधक जनो यहीं समाप्त करने की इजाजत आप से मांगता हूं । सिमरन कीजिएगा । आप ध्यान दे सिमरन करना है । जप तो टेप भी करता है । जिस टेप में राम-राम लगा हुआ है, जाप तो वह भी करता है, लेकिन उसकी मुक्ति तो नहीं होती । आप तोते को रटा दो, राम राम राम । वह चौबीसों घंटों करता रहेगा । लेकिन उसे मानव योनि मिले कुछ कहा नहीं जा सकता । आपको पूरा आश्वासन है, आप सिमरन करोगे, आप राम राम प्रेम पूर्वक जपोगे, प्रीति पूर्वक जपोगे, स्वामी जी महाराज कहते हैं अपनी जिव्हा को हृदय का सहयोग दो, मानो हृदय से राम राम जपना है । स्वामी जी महाराज क्या कहते हैं, अपनी जिव्हा को हृदय का सहयोग दो । मानो यह राम राम हृदय से निकलना चाहिए ।
राम राम अब speed छोड़ो । राम राम राम राम ऐसे प्रेमपूर्वक राम को बुलाओ या राम को याद करो । पहले कहां से शुरू करना है, राम को बुलाओ पहले । इस प्रकार प्रेम पूर्वक, जैसे पुत्र को बुलाते हो, पति को बुलाते हो, ऐसे ही प्रेम पूर्वक राम को बुलाओ। राम वही रहेगा, लेकिन आपका भीतर बदल जाएगा । आपका मन जैसे जैसे सुधरता जाएगा, तैसे तैसे उसमें परिवर्तन आते रहेंगे । राम आपको ऐसे ही बोलना है। राम राम यह क्या कर रहे हो, पुकार रहे हो। कुछ देर की पुकार के बाद, कितने वर्ष मैं नहीं जानता, आप जानते हो आप की पुकार में कितनी क पीड़ा है, कितनी क सच्चाई है। उसके बाद शुरू होगा, राम ऐसे ही बोलना है, लेकिन अब पुकार नहीं रहे आप ।
हनुमान जी महाराज को किसी ने कहा - बहुत राम राम जपते थे, अब आप के मुख से राम राम नहीं निकलता । क्या हो गया है आपको ? हनुमान जी महाराज ने बहुत अच्छा उत्तर दिया -भाई पहले राम-राम इसलिए इतना बोलता था उन्हें पुकारने के लिए, ताकि वह मेरे पास रहे । जब उन्होंने मेरे पास रहना शुरू कर दिया है तो मैं किसे पुकारू ? अब मुझे पुकारने की जरूरत नहीं है । अब मुझे याद करने की जरूरत है । आप को राम-राम ऐसे ही बोलना होगा । लेकिन यह अब याद में परिवर्तित हो
जाएगा । अब क्या कर रहे हो, याद कर रहे हो ।
गांव के लोग देवियो, गाय को भी देखा है आपने, बैल को भी देखा है । आप उनके आगे खाना डालते हो, चारा डालते हो, गाय खाती जाती है, खाती जाती है, खूब पेट भर लेती है । अचानक आप देखते हो वह खाना बंद कर देती है । अब क्या करती है ? जो खाया हुआ है, उसे अपने मुख में लाती है, और जुगाली करती है । बार-बार देखना किसी गाय को या बैल को जुगाली करते हैं। जिस वक्त वह जुगाली करती हैं, गाय उसकी आंखें बंद होती हैं, खुली आंख नहीं होती । मानो वह अब आनंद ले रही है, आनंद लूट रही है वह । इसी जुगाली करने को ही परमात्मा का सिमरन कहा जाता है ।
जब ऐसी स्थिति आ जाएगी, जब आप आनंद लेने लग जाओगे राम शब्द से, जब आपको राम शब्द की मिठास आनी शुरू हो जाएगी, तो समझ लीजिएगा आप की हालत उस गाय जैसी हो गई है । अब आपको परमात्मा की याद बहुत मीठी लगने लग जाएगी । जब इस आनंद का चस्का लग जाएगा, पहले स्वाद चखोगे तो चस्का लगेगा। जब स्वाद ही नहीं पता उसका तो फिर चस्का क्या लगेगा ? अब ऐसा चस्का लग गया है कि आंख खुलती ही नहीं है । एक अजीब सी मस्ती आदमी पर रहती है। परमात्मा कृपा करें ऐसी मस्ती की झांकी परमेश्वर आप सबको दे । शुभकामनाएं देवियो सज्जनो, मंगलकामनाएं ।
-
58:24
Uncommon Sense In Current Times
18 hours agoUnbreakable: How Jeff Younger Stands Firm Against Courts, Government, and Personal Attacks
79 -
1:56:01
Nina Infinity
21 hours agoGOOD NEWS - Infinite Hope # 219 | Birthday Stream with Guests!
4.35K -
15:08
Silver Dragons
23 hours agoWhat Will the TRUMP Tariffs Will Do to Silver & Gold Price?
4.5K3 -
19:37
Neil McCoy-Ward
6 hours ago🚨 The CRAZIEST Moments From Davos 2025... ! 🔥
2.77K5 -
2:57:43
Benny Johnson
5 hours ago🚨BREAKING: Trump Live Right Now in North Carolina Disaster Area! Real Leader | Trump Visiting LA
123K133 -
58:14
Winston Marshall
4 hours agoHollywood Insider SPEAKS OUT On Woke Hollywood & Trump’s A-List Allies | Andrew Klavan
39.5K19 -
44:59
Game On!
4 hours ago $1.53 earnedTom Brady's BIG GAMBLE! Pete Carroll new head coach of the Raiders! | Crick's Corner
20.9K -
17:26
Tactical Advisor
5 hours agoEverything New From Primary Arms 2025
20.7K3 -
1:55:32
The Charlie Kirk Show
4 hours agoThe Greatest Pro-Life President + AMA | Gingrich | 1.24.2025
102K28 -
2:56:04
The Dana Show with Dana Loesch
4 hours agoThe Dana Show LIVE From SHOT Show | Day 3
41.4K1