Pravachan Shree Vishwamitra ji Maharaj

1 year ago
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एक आत्मा भावना रहती है साधक जनों, उसकी चर्चा तो करेंगे कल ।“अपने पथ पर आप चलाओ पथ पतन ना पाऊं मैं” जहां सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिले, बल मिले, ऐसा ही स्थान है, इस स्थान को ऐसा ही बना कर रखिएगा । हमारी समझ, हमारी बुद्धि बहुत स्पष्ट होनी चाहिए इस विषय में । यह

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