Premium Only Content
Pravachan Shree Vishwamitra ji Maharaj
परम पूज्य डॉ विश्वामित्र जी महाराज जी के मुखारविंद से
((988))
*श्री भक्ति प्रकाश भाग ५०५(505)*
*ईर्ष्या एवं अभिमान*
*भाग - ४*
कल साधक जनों इस वक्त काठमांडू में श्री राम शरणम् का उद्घाटन था । सुबह 5:00 बजे उन्होंने हवन का शुभारंभ कर दिया था । सब कुछ उन्होंने अपनी विधि के अनुसार किया ।
11 पंडित बुलाए हुए थे । सामान्यतया और स्थानों पर एक ही पंडित होते हैं । इन्होंने 11 बुलाए हुए थे । बहुत से साधक यहां से गए थे, पंजाब से बहुत थे, गुजरात से भी कुछ पहुंचे हुए थे । सब साधकों का मैं हृदय से धन्यवाद करता हूं । आपके जाने से उनका कितना उत्साह बढ़ा होगा, कितना अपनापन उन्हें लगा होगा । सीधे साधे लोग हैं । हिंदू राष्ट्र है । हिंदू संस्कृति को बहुत मानने वाले हैं । निवेदन भी उनकी सेवा में यही किया था, मेहरबानी करके हिंदू ही रहिएगा । हिंदू संस्कृति बहुत धनवान है । बहुत rich है । इसे कभी किसी भी कीमत पर छोड़िएगा नहीं ।
दो शब्द बधाई के बाद जो उनकी सेवा में अर्ज किए थे, वह हिंदू संस्कृति के ऊपर ही थे । इसको अपने जीवन में रखिएगा । ऐसा नहीं कि कभी हिंदू बन गए और कभी non hindu बन गए । यह साधक जनों हमारी बड़ी भारी कमजोरी है । दुर्गुण कहिए, जहां भी ऐसा होता है, वहां कुछ ना कुछ अप्रिय घटित जीवन में होता ही होता है ।
आध्यात्मिकता तो फिर जख्मी हो जाती है। आध्यात्मिकता को intact रखना चाहते हो साधक जनों, तो हिंदू संस्कृति को त्यागिएगा नहीं । बहुत rich है यह, हमारी परंपराएं जो traditions है हमारे, वह त्यागने योग्य नहीं है । मैं वह दिन देखूंगा कि नहीं देखूंगा, लेकिन एक दिन तो ऐसा जरूर आएगा, सारा संसार इस हिंदू संस्कृति को
अपनाएगा ।
यह संसार जीवित ही तभी रह सकेगा यदि वह हिंदू संस्कृति के अनुसार चलेगा । पुरातन है, सनातन है ।
साधक जनों आप सबसे भी करबद्ध यही प्रार्थना है, जानिएगा हिंदू संस्कृति को। स्वामी जी महाराज बहुत कम किसी को ऑटोग्राफ देते थे । यदि किसी को, किसी प्रिय भक्त को ऑटोग्राफ दिए, तो ऊपर लिखते थे “अपनी संस्कृति से गाढ़ प्रीति होनी चाहिए” हिंदू संस्कृति कितनी महान है, कितनी rich है साधक जनों ।
ईर्ष्या की चर्चा चल रही थी । आज वह चर्चा और आगे बढ़ाते हैं । कल भी जारी रखेंगे । महाभारत की मान्यता है सारे के सारे रोग, एक दुर्गुण जिसे मद कहा जाता है, उसी के कारण ।
महाभारत देवियो सज्जनो ऐसा ग्रंथ है, महर्षि व्यास देव कहते हैं, जो उसके रचयिता है, जो इसमें नहीं मिलेगा, वह किसी और ग्रंथ में भी नहीं मिलेगा । इतना उच्च ग्रंथ महर्षि व्यास देव जी ने, गीता जी भी उसी में आती है, इतना महान ग्रंथ महाभारत उन्होंने रचा है । उसी ग्रंथ की मान्यता है, सारे के सारे रोग मद के कारण, मद अर्थात घमंड, अभिमान, अहंकार, दर्प, जो मर्जी कहिएगा, सारे के सारे रोग जो हमारे शरीर में आते हैं, जो हमारे मानस में आते हैं, वह सारे के सारे रोग इस मद के कारण ।
हो सकता है मुझे पता नहीं, I just guess हो सकता है, महर्षि का आशय यह हो, शरीरिक रोग भी होते होंगे, मानसिक रोग भी होते होंगे, But he meant perhaps जिन रोगों का इलाज डॉक्टरों के पास नहीं
है ।
जिन रोगो से वह डॉक्टर भी ग्रस्त हैं, उन सब रोगों का कारण मद है, अभिमान है । बाकी सब की सब शाखाएं हैं । जहां अभिमान होगा, आप अनेक बार सुनते हो, वहां काम भी होगा, क्रोध, ईर्ष्या, द्वेष भी मानो, जैसे सेनापति होता है, तो उसे पकड़ लेने से सारे के सारे, C O होता है, उसे पकड़ लेने से जितने भी सैनिक होते हैं, वह अपने आप पकड़ में आ जाते हैं । एक सेनापति वह अभिमान; बाकी सब सेना है उसकी । तो बाकी सब के सब रोग यह सब कुछ अभिमान के कारण, मद के कारण ।
एक संत आज कुछ शिष्यों के साथ किसी town में गए हैं । वहां उन्होंने कोई एक जगह पसंद करी है । एक आश्रम निर्माण करने के लिए । किसी एक शिष्य का home town भी है । बहुत देर के बाद, पहले साधक जनों शिष्य ऐसे नहीं होते थे, कि थोड़ी देर के लिए आए और घर चले
गये । नहीं । शिष्य वही होते थे, जो गुरु के साथ ही रहा करते थे । अनेक वर्ष तक उन्हें घर जाने की अनुमति नहीं होती थी,
और वह नहीं जाते थे । आज भी यह शिष्य गुरु महाराज के साथ ही हैं । अपने home town में गए हैं । संयोग की बात है कि उसी home town में गुरु महाराज आश्रम का निर्माण करने जा रहे हैं ।
सुना, बेटा आया है । माता पिता ने इतने वर्षों के बाद, सारे के सारे परिवार के सदस्य मिलने के लिए गए हैं, देखने के लिए गए हैं । इतने वर्षों के बाद बेटा कितना बड़ा हो गया है । यह भिक्षुक life, यह सन्यासी life, कैसी होगी । क्या उसने बाल बढ़ाए हुए हैं या सिर मुंडवाया हुआ है । कौन से कपड़े पहनता है, इत्यादि इत्यादि । बड़े भाव चाव से अपने पुत्र को देखने के लिए वह गए हैं । जाकर सबने संत जी को प्रणाम किया । लड़के ने पूछा रोहिणी नहीं आई ? रोहिणी उसकी बहन का नाम है । संकोच में है जाऊं ना जाऊं । क्या हुआ है उसे, क्यों नहीं आई मुझे मिलने के लिए, किस बात का संकोच है उसे ? कहा तू तो जानता है कि वह बहुत सुंदर थी, अब नहीं । उसके मुख पर कील मुंहासे इतने हो गए हैं, ऐसे हो गए हैं, जैसे फफोले होते हैं । वह अपना मुख किसी को दिखाना नहीं चाहती ।
-
1:05:40
Donald Trump Jr.
7 hours agoAmerica to the FBI: We Only Take Kash, Live with Mike Davis | TRIGGERED Ep.195
103K94 -
LIVE
The Jimmy Dore Show
3 hours agoBiden RENEGES on Pledge not to Pardon Hunter! Rebel Groups in Syria Capture Aleppo! w/ Ed Dowd
18,954 watching -
2:23:13
WeAreChange
3 hours agoBIDEN 180: Crime Family Coverup Exposed By Joe’s Pardon Of Hunter!
37.5K17 -
47:03
Kimberly Guilfoyle
5 hours agoThe FBI is now Kash Only, Live with Larry Elder & Steve Friend | Ep. 178
63.2K10 -
1:02:30
Sarah Westall
3 hours agoWhy Realistically Gold Could Increase to $100,000+ to Pay Off the National Debt w/ Andy Schectman
15K5 -
54:43
LFA TV
1 day agoThe Biden Crime Family Is Above the Law | Trumpet Daily 12.2.24 7PM EST
31.3K2 -
LIVE
Tundra Gaming Live
6 hours agoThe Worlds Okayest War Thunder Stream
47 watching -
LIVE
BIG NEM
19 hours agoNeema Naz's Rise to FAME from Comedy Skits to SOLD OUT Arenas!
39 watching -
1:43:07
2 MIKES LIVE
3 hours ago2 MIKES LIVE #150 Capt. Christopher Kuehne released from Prison! News, Pardons, Games and Kash!
15.5K2 -
1:54:22
Redacted News
6 hours ago"BREAKING! Trump Declares WAR on Deep State Biden Corruption, Hunter Biden Pardon Exposed "
137K185