Banaras ek sukun Bhara shahar 🥀❤️.. #love #banaras #varanasi

1 year ago
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सुनो बनारस
चुभते हैं अल्फाज तुम्हारे दुनिया को तो चुभने दो।

इन दुनिया वालों की बातों को दिल पर ले कर...सो जाना क्यों?

खामियां निकालना तो कुछ लोगों की फितरत है,
तो कुछ लोगों का शगल है।
इन बेगानों की बातों का गिला क्या, शिकवा क्या??

अच्छा, यह बताओ??
चुप हो जाने से तुम्हारे,
क्या वो दुनिया वाले भी खामोशी अख्तियार कर लेंगे??

मुहब्बत में कभी जब कोई दूर होता है,
किसी ओर की कुछ बातें उस जैसी लगती है,
मगर हर अहसास को मजाक समझना कितना ठीक है??खुद ही दिल में टटोल कर तय करना होता है।

किया है इश्क़ तो दिल में दर्द होना लाजिमी है,
अश्कों काआंखों से निकल आना भी लाजिमी है।

क्या पता दर्द उसे भी महसूस होता हो मगर,
निगाहों से अश्कों को टपकाना,
उसके वज़ूद को शायद गवारा ना हो,
क्या पता उसे तुमसे प्यार भी हो,
तुम्हें वो इंसा भी समझता हो, मगर…
हालात उसके ऐसे हों कि लगे धज्जियां उड़ा रहा है वो, किसी के विश्वास की।

चाहे कोई नाम दो या ना दो..
इश्क़ तो इश्क़ ही होता है,
अब हो गया तो हो गया ग़ालिब…
उसी ग़ालिब ने ही तो कहा था…
'इश्क़ पर किसी का ज़ोर नहीं',
ये तुमने भी तो सुना ही होगा ना।

कसर तुम्हारे इश्क़ में नहीं शायद उसके इश्क़ में थी,
शायद नीयत उसकी साफ नहीं थी..
या जज़्बात उसके गहरे नहीं थे,
या शायद इरादा उसका पक्का नहीं था…।

तभी तो लफ्जों की हिफाजत ना कर सका वो,
गलती तुम्हारी नहीं यक़ीनन उसकी ही थी,
लिहाजा इस रिश्ते को या नाकाम इश्क़ को जो नाम है देना, वो भी वही देगा।

तुमने तो मुहब्बत की है, किसी में किसी को खोजना शायद जज़्बात की इक लहर होती है,
जो किसी मौके पर समंदर की लहर जैसी आती है...
और वैसे ही चली जाती है।

तुमने कहा जी करता है सो जाऊं? मतलब??
सो जाना याने ??
हकीकत से आंखों को मूंद लेना??
या
ख्वाबों ख्यालों में इक गुमशुदा गुमराह की खोज में दूर कहीं निकल जाना??

या फिर खत्म कर ये सफर ज़िन्दगानी का,
गंगा की गोद में,
उसकी लहरों के आगोश में सदा सदा के लिए चिर निद्रा में विलीन हो जाना??

नहीं, नहीं…..☝️😌
गौर करना इस बात पर कि किसी ने कहा है...
"छोड़ दें सारी दुनिया किसी के लिए ये मुनासिब नहीं आदमी के लिए"…. ☝️😌

इसलिए…
सुनो बनारस☝️😌
अपने जज़्बातों पर काबू पा के,
नई मंजिलें तलाश करना इंसान और इंसानियत के लिए जरूरी है।

तुम ना पहले हो,
और ना आखिरी…
जिसने मुहब्बत में ज़ख्म खाए हैं।
बस वक्त दो,
वही इक मरहम है जो गहरे से गहरे ज़ख्म को भी भर सकता है,
सेहरा की तपती रेत में चमन खिला सकता है,
खुश रहें,
आबाद रहें,
बस, यही मेरी दुआ है।

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7985561950 ✍️ SOMNATHSAHO

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