3 years agoसुरति निरति सें झीनां कछू नजरि न आवै | Sant Rampal Ji Video Shabad with Lyrics | SATLOK ASHRAMSatlok Ashram
2 years agoDay 2, Live Akhand Path, occasion of Sant Rampal Ji's Avataran Diwas, Satlok Ashram Kurukshetra, HRSatlok Ashram
2 years agoसंत रामपाल जी महाराज का बोध दिवस स्पेशल लाइव प्रोग्राम साधना चैनल पर सुबह 09:15 AM से 12:00 बजे तकSatlokAshram
2 years agoदिव्य धर्म यज्ञ | चौपड़ के बैजार फिर कर, आये केशव पास। गरीबदास कुर्बान गति, क्या क्या कहूँ विलास।।Satlok Ashram
3 years agoजगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी का 71 वां अवतरण दिवस | SATLOK ASHRAMSatlok Ashram
2 years agoदिव्य धर्म यज्ञ | याह पौहमी है छार की, मुर्द फरोशी पिंड। गरीबदास केशव कहै, चरण धरे सिर डंड।।Satlok Ashram
2 years agoदिव्य धर्म यज्ञ | कोई कहे जग जौनार करी है, कोई कहे महौछा। बड़े बड़ाई कर्या करें, गाली काढ़ै औछा।Satlok Ashram
2 years agoदिव्य धर्म यज्ञ | हम हैं पूर्व ठेठ के, उतरे औघट घाट । गरीबदास जीव दक्षिण के, यौ नहीं मिलती साट ।।Satlok Ashram
2 years agoसंत रामपाल जी के सानिध्य में दिनांक 7, 8 और 9 नवंबर 2022 को 509वां दिव्य धर्म यज्ञ दिवस का आयोजनSatlok Ashram
2 years agoदिव्य धर्म यज्ञ | भेष देख रैदास जी, गये कबीरा पास। गरीबदास रैदास कहै, छूट्या काशी वास।।Satlok Ashram
2 years agoदिव्य धर्म यज्ञ | सुन कबीर मन भावने, तुमरी बात अगाध। गरीबदास केशव कहै, तुम से तुम ही साध।।Satlok Ashram
2 years agoअजब अहंकारी मनुष्य हैं, सुन कबीर मम ज्ञान । गरीबदास केशव कहै, इन्हें कैसा ज्ञान अरू ध्यान ।।Satlok Ashram
2 years agoदिव्य धर्म यज्ञ | विष्टा जिन की देह में, मगन फिरै दिन रात । गरीबदास केशव कहै, जिन सिर यम की घात ।।Satlok Ashram
2 years agoदिव्य धर्म यज्ञ | हम अमान अबिगत पुरुश, चुंबक ज्यूं चमकार। गरीबदास लोहा फिरै, हमरे अधर आधार।।Satlok Ashram
2 years agoदिव्य धर्म यज्ञ | युग सत्तर हम ज्ञान दिया, जीव न समझ्या एक । गरीबदास घर घर फिरे, धरैं कबीरा भेष ।।Satlok Ashram
2 years agoदिव्य धर्म यज्ञ | हाड चाम की देहि में, दूध रत्न सरवंत । गरीबदास घट पिण्ड में, ऐसे है भगवंत ।।Satlok Ashram
2 years agoदिव्य धर्म यज्ञ | सत्तर युग सेवन किये, किन्हे न बूझी बात । गरीबदास मैं समझात हूँ, मोहे लगावें लात ।।Satlok Ashram
2 years agoदिव्य धर्म यज्ञ | जहां कल्प ऐसी करी, चौपड़ के बैजार। गरीबदास तंबू तने, पचरंग झंडे सार।।Satlok Ashram
2 years agoदिव्य धर्म यज्ञ | बिना पकाया पक रह्या, उतरे अर्श खमीर । गरीबदास मेला शुरू, जय जय होत कबीर ।।Satlok Ashram