1. सुरति निरति सें झीनां कछू नजरि न आवै | Sant Rampal Ji Video Shabad with Lyrics | SATLOK ASHRAM

    सुरति निरति सें झीनां कछू नजरि न आवै | Sant Rampal Ji Video Shabad with Lyrics | SATLOK ASHRAM

    6
  2. भक्ति रूपी कमाई ऐसे पता चलेगी। SATLOK ASHRAM

    भक्ति रूपी कमाई ऐसे पता चलेगी। SATLOK ASHRAM

    45
    4
    4
  3. Day 2, Live Akhand Path, occasion of Sant Rampal Ji's Avataran Diwas, Satlok Ashram Kurukshetra, HR

    Day 2, Live Akhand Path, occasion of Sant Rampal Ji's Avataran Diwas, Satlok Ashram Kurukshetra, HR

    13
    4
    2
  4. संत रामपाल जी महाराज का बोध दिवस स्पेशल लाइव प्रोग्राम साधना चैनल पर सुबह 09:15 AM से 12:00 बजे तक

    संत रामपाल जी महाराज का बोध दिवस स्पेशल लाइव प्रोग्राम साधना चैनल पर सुबह 09:15 AM से 12:00 बजे तक

    17
    2
    2
  5. दिव्य धर्म यज्ञ | चौपड़ के बैजार फिर कर, आये केशव पास। गरीबदास कुर्बान गति, क्या क्या कहूँ विलास।।

    दिव्य धर्म यज्ञ | चौपड़ के बैजार फिर कर, आये केशव पास। गरीबदास कुर्बान गति, क्या क्या कहूँ विलास।।

    17
    3
  6. सतलोक में सृष्टि कैसी है? | Sunday Sepcial Satsang | Sant Rampal Ji Maharaj

    सतलोक में सृष्टि कैसी है? | Sunday Sepcial Satsang | Sant Rampal Ji Maharaj

    18
    3
    3
  7. जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी का 71 वां अवतरण दिवस | SATLOK ASHRAM

    जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी का 71 वां अवतरण दिवस | SATLOK ASHRAM

    33
    7
    3
  8. दिव्य धर्म यज्ञ | याह पौहमी है छार की, मुर्द फरोशी पिंड। गरीबदास केशव कहै, चरण धरे सिर डंड।।

    दिव्य धर्म यज्ञ | याह पौहमी है छार की, मुर्द फरोशी पिंड। गरीबदास केशव कहै, चरण धरे सिर डंड।।

    20
    3
    6
  9. दिव्य धर्म यज्ञ | कोई कहे जग जौनार करी है, कोई कहे महौछा। बड़े बड़ाई कर्या करें, गाली काढ़ै औछा।

    दिव्य धर्म यज्ञ | कोई कहे जग जौनार करी है, कोई कहे महौछा। बड़े बड़ाई कर्या करें, गाली काढ़ै औछा।

    10
  10. दिव्य धर्म यज्ञ | हम हैं पूर्व ठेठ के, उतरे औघट घाट । गरीबदास जीव दक्षिण के, यौ नहीं मिलती साट ।।

    दिव्य धर्म यज्ञ | हम हैं पूर्व ठेठ के, उतरे औघट घाट । गरीबदास जीव दक्षिण के, यौ नहीं मिलती साट ।।

    6
  11. संत रामपाल जी के सानिध्य में दिनांक 7, 8 और 9 नवंबर 2022 को 509वां दिव्य धर्म यज्ञ दिवस का आयोजन

    संत रामपाल जी के सानिध्य में दिनांक 7, 8 और 9 नवंबर 2022 को 509वां दिव्य धर्म यज्ञ दिवस का आयोजन

    2
  12. दिव्य धर्म यज्ञ | भेष देख रैदास जी, गये कबीरा पास। गरीबदास रैदास कहै, छूट्या काशी वास।।

    दिव्य धर्म यज्ञ | भेष देख रैदास जी, गये कबीरा पास। गरीबदास रैदास कहै, छूट्या काशी वास।।

    1
  13. दिव्य धर्म यज्ञ | सुन कबीर मन भावने, तुमरी बात अगाध। गरीबदास केशव कहै, तुम से तुम ही साध।।

    दिव्य धर्म यज्ञ | सुन कबीर मन भावने, तुमरी बात अगाध। गरीबदास केशव कहै, तुम से तुम ही साध।।

    2
  14. अजब अहंकारी मनुष्य हैं, सुन कबीर मम ज्ञान । गरीबदास केशव कहै, इन्हें कैसा ज्ञान अरू ध्यान ।।

    अजब अहंकारी मनुष्य हैं, सुन कबीर मम ज्ञान । गरीबदास केशव कहै, इन्हें कैसा ज्ञान अरू ध्यान ।।

    3
  15. दिव्य धर्म यज्ञ | विष्टा जिन की देह में, मगन फिरै दिन रात । गरीबदास केशव कहै, जिन सिर यम की घात ।।

    दिव्य धर्म यज्ञ | विष्टा जिन की देह में, मगन फिरै दिन रात । गरीबदास केशव कहै, जिन सिर यम की घात ।।

    2
  16. दिव्य धर्म यज्ञ | हम अमान अबिगत पुरुश, चुंबक ज्यूं चमकार। गरीबदास लोहा फिरै, हमरे अधर आधार।।

    दिव्य धर्म यज्ञ | हम अमान अबिगत पुरुश, चुंबक ज्यूं चमकार। गरीबदास लोहा फिरै, हमरे अधर आधार।।

    2
  17. दिव्य धर्म यज्ञ | युग सत्तर हम ज्ञान दिया, जीव न समझ्या एक । गरीबदास घर घर फिरे, धरैं कबीरा भेष ।।

    दिव्य धर्म यज्ञ | युग सत्तर हम ज्ञान दिया, जीव न समझ्या एक । गरीबदास घर घर फिरे, धरैं कबीरा भेष ।।

    2
  18. दिव्य धर्म यज्ञ | हाड चाम की देहि में, दूध रत्न सरवंत । गरीबदास घट पिण्ड में, ऐसे है भगवंत ।।

    दिव्य धर्म यज्ञ | हाड चाम की देहि में, दूध रत्न सरवंत । गरीबदास घट पिण्ड में, ऐसे है भगवंत ।।

    2
  19. दिव्य धर्म यज्ञ | सत्तर युग सेवन किये, किन्हे न बूझी बात । गरीबदास मैं समझात हूँ, मोहे लगावें लात ।।

    दिव्य धर्म यज्ञ | सत्तर युग सेवन किये, किन्हे न बूझी बात । गरीबदास मैं समझात हूँ, मोहे लगावें लात ।।

    2
  20. सतलोक में हम बहुत सुखी थे। SATLOK ASHRAM

    सतलोक में हम बहुत सुखी थे। SATLOK ASHRAM

    2
  21. आत्मा के नाश को हमने विकास मान लिया। SATLOK ASHRAM

    आत्मा के नाश को हमने विकास मान लिया। SATLOK ASHRAM

    1
  22. रोने के अलावा कुछ शेष नहीं रहेगा, अगर... SATLOK ASHRAM

    रोने के अलावा कुछ शेष नहीं रहेगा, अगर... SATLOK ASHRAM

    1
  23. दिव्य धर्म यज्ञ | जहां कल्प ऐसी करी, चौपड़ के बैजार। गरीबदास तंबू तने, पचरंग झंडे सार।।

    दिव्य धर्म यज्ञ | जहां कल्प ऐसी करी, चौपड़ के बैजार। गरीबदास तंबू तने, पचरंग झंडे सार।।

    1
  24. दिव्य धर्म यज्ञ | बिना पकाया पक रह्या, उतरे अर्श खमीर । गरीबदास मेला शुरू, जय जय होत कबीर ।।

    दिव्य धर्म यज्ञ | बिना पकाया पक रह्या, उतरे अर्श खमीर । गरीबदास मेला शुरू, जय जय होत कबीर ।।

    3
  25. माया छाया जैसी साथ रहेगी आपके, लेकिन...| SATLOK ASHRAM

    माया छाया जैसी साथ रहेगी आपके, लेकिन...| SATLOK ASHRAM

    2