1. दिव्य धर्म यज्ञ | सिमटा भेष इकट्टा हुआ, काजी पंडित माहीं । गरीबदास चिठ्ठा फिर्या, जंबूदीप सब ठाहीं

    दिव्य धर्म यज्ञ | सिमटा भेष इकट्टा हुआ, काजी पंडित माहीं । गरीबदास चिठ्ठा फिर्या, जंबूदीप सब ठाहीं

  2. दिव्य धर्म यज्ञ | हाड चाम की नाक है, हाड चाम का मुख। गरीबदास केशव कहै, तज कबीर यौह रुख।।

    दिव्य धर्म यज्ञ | हाड चाम की नाक है, हाड चाम का मुख। गरीबदास केशव कहै, तज कबीर यौह रुख।।

  3. दिव्य धर्म यज्ञ | सुन कबीर मन भावने, तुमरी बात अगाध। गरीबदास केशव कहै, तुम से तुम ही साध।।

    दिव्य धर्म यज्ञ | सुन कबीर मन भावने, तुमरी बात अगाध। गरीबदास केशव कहै, तुम से तुम ही साध।।

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  4. अजब अहंकारी मनुष्य हैं, सुन कबीर मम ज्ञान । गरीबदास केशव कहै, इन्हें कैसा ज्ञान अरू ध्यान ।।

    अजब अहंकारी मनुष्य हैं, सुन कबीर मम ज्ञान । गरीबदास केशव कहै, इन्हें कैसा ज्ञान अरू ध्यान ।।

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  5. दिव्य धर्म यज्ञ | विष्टा जिन की देह में, मगन फिरै दिन रात । गरीबदास केशव कहै, जिन सिर यम की घात ।।

    दिव्य धर्म यज्ञ | विष्टा जिन की देह में, मगन फिरै दिन रात । गरीबदास केशव कहै, जिन सिर यम की घात ।।

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  6. दिव्य धर्म यज्ञ | हम अमान अबिगत पुरुश, चुंबक ज्यूं चमकार। गरीबदास लोहा फिरै, हमरे अधर आधार।।

    दिव्य धर्म यज्ञ | हम अमान अबिगत पुरुश, चुंबक ज्यूं चमकार। गरीबदास लोहा फिरै, हमरे अधर आधार।।

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  7. दिव्य धर्म यज्ञ | युग सत्तर हम ज्ञान दिया, जीव न समझ्या एक । गरीबदास घर घर फिरे, धरैं कबीरा भेष ।।

    दिव्य धर्म यज्ञ | युग सत्तर हम ज्ञान दिया, जीव न समझ्या एक । गरीबदास घर घर फिरे, धरैं कबीरा भेष ।।

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  8. दिव्य धर्म यज्ञ | हाड चाम की देहि में, दूध रत्न सरवंत । गरीबदास घट पिण्ड में, ऐसे है भगवंत ।।

    दिव्य धर्म यज्ञ | हाड चाम की देहि में, दूध रत्न सरवंत । गरीबदास घट पिण्ड में, ऐसे है भगवंत ।।

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  9. दिव्य धर्म यज्ञ | सत्तर युग सेवन किये, किन्हे न बूझी बात । गरीबदास मैं समझात हूँ, मोहे लगावें लात ।।

    दिव्य धर्म यज्ञ | सत्तर युग सेवन किये, किन्हे न बूझी बात । गरीबदास मैं समझात हूँ, मोहे लगावें लात ।।

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  10. दिव्य धर्म यज्ञ | जहां कल्प ऐसी करी, चौपड़ के बैजार। गरीबदास तंबू तने, पचरंग झंडे सार।।

    दिव्य धर्म यज्ञ | जहां कल्प ऐसी करी, चौपड़ के बैजार। गरीबदास तंबू तने, पचरंग झंडे सार।।

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  11. दिव्य धर्म यज्ञ | बिना पकाया पक रह्या, उतरे अर्श खमीर । गरीबदास मेला शुरू, जय जय होत कबीर ।।

    दिव्य धर्म यज्ञ | बिना पकाया पक रह्या, उतरे अर्श खमीर । गरीबदास मेला शुरू, जय जय होत कबीर ।।

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  12. 8 सितंबर 2022- संत रामपाल जी महाराज का 72वां अवतरण दिवस | विशेष कार्यक्रम का लाइव प्रसारण 6 to 8 Sep

    8 सितंबर 2022- संत रामपाल जी महाराज का 72वां अवतरण दिवस | विशेष कार्यक्रम का लाइव प्रसारण 6 to 8 Sep

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  13. Did Buddha met his wife?

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  14. MLG 003 DESTINATION TERRA NOVA Rishikesh Ashram Romantic one night stay

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  15. दिव्य धर्म यज्ञ | शाह सिकंदर कूँ सुनी, धन्य कबीर बलि जाँव । गरीबदास मेले चलो, मम हृदय धर पांव ।।

    दिव्य धर्म यज्ञ | शाह सिकंदर कूँ सुनी, धन्य कबीर बलि जाँव । गरीबदास मेले चलो, मम हृदय धर पांव ।।

  16. दिव्य धर्म यज्ञ | कहै कबीर सुन शाह तूं, भेष बीगाड़ा काम । गरीबदास कैसे चलौं, मो गठरी नहीं दाम ।।

    दिव्य धर्म यज्ञ | कहै कबीर सुन शाह तूं, भेष बीगाड़ा काम । गरीबदास कैसे चलौं, मो गठरी नहीं दाम ।।

  17. दिव्य धर्म यज्ञ | मैं अधीन अनकीट हूँ, उदर भरै नहीं मोहि । गरीबदास माता दुखी, अरू मोमिन है छोहि ।।

    दिव्य धर्म यज्ञ | मैं अधीन अनकीट हूँ, उदर भरै नहीं मोहि । गरीबदास माता दुखी, अरू मोमिन है छोहि ।।

  18. 8 Sep 2022 - 72nd incarnation day of Rampal Ji Maharaj. Live telecast of special program 6 to 8 Sep

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  19. दिव्य धर्म यज्ञ | सौ योजन पर लगत है, या दुनियां की गंध । गरीबदास केशव कहै, हाड चाम का फंद ।।

    दिव्य धर्म यज्ञ | सौ योजन पर लगत है, या दुनियां की गंध । गरीबदास केशव कहै, हाड चाम का फंद ।।

  20. 15 Sadhguru Intersting Quotes 4U which are better known in youth to not to Regret in Old Age

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