1. कबीर पिछले पाप से हरि चर्चा नहीं भावे | अमृतवाणी-184 | Sant Rampal JI Maharaj

    कबीर पिछले पाप से हरि चर्चा नहीं भावे | अमृतवाणी-184 | Sant Rampal JI Maharaj

  2. अशंख जन्म तन मरते हो गये | अमृतवाणी-181 | Sant Rampal JI Maharaj

    अशंख जन्म तन मरते हो गये | अमृतवाणी-181 | Sant Rampal JI Maharaj

  3. शब्द स्वरूपी साहेब धनी बाहर भीतर एक | अमृतवाणी-183 | Sant Rampal JI Maharaj

    शब्द स्वरूपी साहेब धनी बाहर भीतर एक | अमृतवाणी-183 | Sant Rampal JI Maharaj

  4. कहा चुनावै मेड़िया | अमृतवाणी-168 | Sant Rampal JI Maharaj

    कहा चुनावै मेड़िया | अमृतवाणी-168 | Sant Rampal JI Maharaj

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  5. गलती से कबीर जी के शिष्य को जब यमलोक में में ले जाया गया | अमृतवाणी-171 | Sant Rampal JI Maharaj

    गलती से कबीर जी के शिष्य को जब यमलोक में में ले जाया गया | अमृतवाणी-171 | Sant Rampal JI Maharaj

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  6. धर्मदास मेरी लाख दुहाई,मूल ज्ञान काही बाहर नहीं जाई | अमृतवाणी-156 | Sant Rampal JI Maharaj

    धर्मदास मेरी लाख दुहाई,मूल ज्ञान काही बाहर नहीं जाई | अमृतवाणी-156 | Sant Rampal JI Maharaj

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  7. हस्ती डर माने नहीं, जो स्वान भोकाहीं।| अमृतवाणी-148 | Sant Rampal JI Maharaj

    हस्ती डर माने नहीं, जो स्वान भोकाहीं।| अमृतवाणी-148 | Sant Rampal JI Maharaj

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  8. आत्म प्राण उद्धार ही, ऐसा धर्म नहीं और | अमृतवाणी-151 | Sant Rampal JI Maharaj

    आत्म प्राण उद्धार ही, ऐसा धर्म नहीं और | अमृतवाणी-151 | Sant Rampal JI Maharaj

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  9. चारों युग में मेरे संत पुकारे | अमृतवाणी-145 | Sant Rampal Ji Maharaj

    चारों युग में मेरे संत पुकारे | अमृतवाणी-145 | Sant Rampal Ji Maharaj

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  10. इन काल लोक में झूठे सुख को सुख माने बैठे हैं हम। Sant Rampal Ji Maharaj

    इन काल लोक में झूठे सुख को सुख माने बैठे हैं हम। Sant Rampal Ji Maharaj

  11. जो भक्ति आज दास के पास है, पूरे विश्व में कहीं नहीं। Sant Rampal Ji Maharaj

    जो भक्ति आज दास के पास है, पूरे विश्व में कहीं नहीं। Sant Rampal Ji Maharaj

  12. बासमती चावल पकाओ खीर खांड टूक डार | अमृतवाणी 92 | SANT RAMPAL JI

    बासमती चावल पकाओ खीर खांड टूक डार | अमृतवाणी 92 | SANT RAMPAL JI

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  13. गुरुवा गाम(गाँव) बिगाड़े संतों | अमृतवाणी -73 | SANT RAMPAL JI

    गुरुवा गाम(गाँव) बिगाड़े संतों | अमृतवाणी -73 | SANT RAMPAL JI

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  14. झूठे गुरु बहुत है ये अनगिनत कोट अनंत | अमृतवाणी -76 | SANT RAMPAL JI

    झूठे गुरु बहुत है ये अनगिनत कोट अनंत | अमृतवाणी -76 | SANT RAMPAL JI

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  15. पृथ्वी पति चकवे गये | अमृतवाणी - 80 | SANT RAMPAL JI

    पृथ्वी पति चकवे गये | अमृतवाणी - 80 | SANT RAMPAL JI

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  16. कोई कहे ब्रह्मा विष्णु है कोई कहे इंद्र कुबेर | अमृतवाणी - 86 | SANT RAMPAL JI

    कोई कहे ब्रह्मा विष्णु है कोई कहे इंद्र कुबेर | अमृतवाणी - 86 | SANT RAMPAL JI

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  17. सतगुरु पुरुष कबीर का विखं पंथ बेराट | अमृतवाणी- 65 | Sant Rampal Ji

    सतगुरु पुरुष कबीर का विखं पंथ बेराट | अमृतवाणी- 65 | Sant Rampal Ji

  18. केले की कोपीन है ये फुल पान फल खाए | अमृतवाणी -71 | SANT RAMPAL JI

    केले की कोपीन है ये फुल पान फल खाए | अमृतवाणी -71 | SANT RAMPAL JI

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  19. प्रथम अन्न जल संयम राखें | अमृतवाणी 51 | Sant Rampal Ji

    प्रथम अन्न जल संयम राखें | अमृतवाणी 51 | Sant Rampal Ji

  20. Main to de di hai balam behre nu (मैं तो दे दी बालम बहरे नू) | Sant Rampal Ji Maharaj Shabad

    Main to de di hai balam behre nu (मैं तो दे दी बालम बहरे नू) | Sant Rampal Ji Maharaj Shabad

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  21. वह काफ़िर है जो कन्या मारे | अमृतवाणी-57 | Sant Rampal Ji

    वह काफ़िर है जो कन्या मारे | अमृतवाणी-57 | Sant Rampal Ji

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  22. कबीर, यह माया अटपटी सब घट आन अड़ी | अमृतवाणी 42 | Sant Rampal Ji

    कबीर, यह माया अटपटी सब घट आन अड़ी | अमृतवाणी 42 | Sant Rampal Ji

  23. इस दास के अतिरिक्त पूरे विश्व में किसी के पास सच्चा नाम नहीं। Sant Rampal Ji Maharaj Short Videos

    इस दास के अतिरिक्त पूरे विश्व में किसी के पास सच्चा नाम नहीं। Sant Rampal Ji Maharaj Short Videos

  24. अंधे को आंख, निर्धन को माया देने वाले सच्चे परमात्मा हैं ये। Devotees of Sant Rampal Ji Maharaj

    अंधे को आंख, निर्धन को माया देने वाले सच्चे परमात्मा हैं ये। Devotees of Sant Rampal Ji Maharaj